रूसी राष्ट्रपति पुतिन (फाईल फोटो)।
मॉस्को। रूस की प्राइवेट “वैगनर फोर्स” इस समय अपने चीफ “येवेगनी प्रिगोझिन” की प्लेन क्रैश में मौत हो जाने से बेहद गुस्से में है। इस बीच यह भी दावा किया जा रहा है कि प्रिगोझिन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए प्लान बी तैयार कर लिया था। इसी वजह से वे मारे। वहीं,वैगनर के लड़ाकों ने पुतिन को प्रिगोझिन की मौत का बदला लेने की चेतावनी दी है। उन्होंने पुतिन को चेताया है कि वो हर हाल ही में प्रिगोझिन की मौत का बदला लेकर रहेंगे। वहीं पहली बार पुतिन ने प्रिगोझिन की मौत पर चुप्पी तोड़ी है।
बता दें कि प्रिगोझिन की मौत के बाद वैगनर ग्रुप की तरफ से धमकी भरा वीडियो जारी किया गया है। इसमें वैगनर लड़ाकों ने अपने चीफ की मौत का बदला लेने के लिए मॉस्को की तरफ से एक और मार्च की तरफ संकेत दिया है। सदस्यों को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘वैगनर में अब क्या किया जाएगा, इसे लेकर काफी चर्चा हुई है। हम एक बात कहेंगे – हम शुरू कर रहे हैं, बस हमारा इंतजार करो।’ वैगनर सदस्य ने एक टेलीग्राम चैनल पर एक और तख्तापलट की चेतावनी दी। पोस्ट में लिखा है, ‘वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन की मौत के बारे में अफवाहें हैं। हमें पुतिन के नेतृत्व वाले क्रेमलिन अधिकारियों पर उन्हें मारने की कोशिश करने पर शक है। अगर प्रिगोझिन की मौत की जानकारी की पुष्टि हो जाती है, तो हम मास्को में इंसाफ का दूसरा मार्च करेंगे। इसलिए आपके लिए बेहतर होगा कि वह जीवित रहे।’
दूसरी ओर पुतिन ने पहली बार प्रिगोझिन की मौत पर चुप्पी तोड़ी है। पुतिन ने वैगनर समूह के मुखिया रहे प्रिगोझिन की ‘प्रतिभाशाली व्यवसायी’ के रूप में तारीफ की है। साथ ही क्रैश में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। प्रिगोझिन की मौत पर पुतिन ने 24 घंटे की अपनी चुप्पी को तोड़ते हुए कहा कि वह प्रिगोझिन को सन् 1990 के दशक से जानते थे। पुतिन दुर्घटना की आधिकारिक जांच के नतीजे आने का इंतजार करने के लिए कहा है। साथ ही कहा कि इसकी जांच में कुछ समय लगेगा।
वहीं,दुनिया भर के तमाम विशेषज्ञों ने इस दुर्घटना को एक बड़ी साजिश करार दिया है,जिसमें कइयों ने साजिश का तार क्रेमलिन से जोड़कर रखा तो वही कुछ इसे अमेरिकी और यूक्रेन की साजिश मान रहे हैं। हालांकि,यूक्रेन ने इस घटना से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया है। दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि घटना वाली जगह से मात्र 50 किलोमीटर की दूरी पर रूस का सबसे शक्तिशाली एअर डिफेंस सिस्टम तैनात होने के बावजूद भी इस सिविलियन प्लेन पर हमला किया गया जो कि पच नहीं रहा है।
गौरतलब है कि इस साल जून में वैगनर फोर्स के चीफ येवगेनी के लीडरशीप में रूसी सत्ता के विरूद्ध एक असफल सैन्य विद्रोह को अंजाम दिया गया था, लेकिन बेलारूस के राष्ट्रपति के हस्तक्षेप के बाद इस फोर्स ने यू टर्न ले लिया था, लेकिन तभी से यह कयास लगाये जा रहे थे कि वैगनर चीफ के साथ निकट भविष्य में कुछ बहुत बुरा होगा, जहां वैगनर चीफ की एक दिन पहले रहस्य मय परिस्थितियों में एक प्लेन क्रैश में मौत हो गई।