सांकेतिक तस्वीर।
कीव। रूस के साथ जारी भीषण जंग के बीच यूक्रेन ने अब पूरी दुनिया को तीसरे विश्वयुद्ध में झोंकने की नियत से “जी-7” देशों को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें ईरान-सीरिया की ड्रोन फैक्ट्री पर हमले की इजाजत मांगी है। चिट्ठी में आगे भी दावा किया गया है कि तीन महीने में रूस की तरफ से किए गए 600 मिसाइल हमलों में ज्यादातर ईरानी मिसाइल शामिल थे। यूक्रेन ने यह भी कहा कि ईरानी शहीद ड्रोन के निर्माण में अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों के भी कल-पुर्जे लगे हैं।
दरअसल,यूक्रेन ईरान, सीरिया और रूस के ड्रोन बनाने वाले फैक्ट्री और ड्रोन के भंडार पर हमले करना चाहता है। यूक्रेन सीधे ईरान और सीरिया पर हमले की मंशा रखता है। यानि सीधा विश्वयुद्ध शुरू हो जाएगा। चूंकि,यूक्रेन का दावा है कि ईरानी ड्रोन में 50 से ज्यादा इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट्स पश्चिमी और यूरोपीय कंपनियों के लगे हैं।
यूक्रेन के मुताबिक अमेरिका, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, जर्मनी, पोलैंड, कनाडा और जापान ये ऐसे देश हैं,जिनके कल-पुर्जों का ईरान ने इस्तेमाल किया है। यूक्रेन का दावा है कि पिछले तीन महीने में रूस की तरफ से किए गए हमलों में बड़ी संख्या में ईरानी ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है। पिछले साल सितंबर में रूस ने यूक्रेन पर ईरानी शहीद ड्रोन से हमला किया था, जो युद्ध में इस्तेमाल किए जाने वाले पहले ईरानी ड्रोन थे।
इन ड्रोन का निर्माण ईरान के अलावा रूस और सीरिया में भी हो रहा है। इस चिट्ठी में आगे यह भी कहा गया है कि पश्चिमी कंपनियों को इस बारे में पूरी जानकारी है कि ईरानी ड्रोन में उसके एक्वीपमेंट्स लगाए गए हैं। बता दे कि यूक्रेन ने पिछले साल ही ईरानी ड्रोन के इस्तेमाल पर रूस पर हमला बोला था। पश्चिमी देशों की तरफ से भी ईरान को इस बात की चेतावनी दी जा चुकी है।
वहीं, यूक्रेन के इस चिट्ठी को लेकर अभी तक G-7 देशों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, इतना ही नहीं सीरिया और ईरान की भी तरफ से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। जहां इसी कड़ी में रूस भी खामोश दिख रहा है। हालांकि, यूक्रेन के अन्य सहयोगी देश भी इस मुद्दे पर चुप है।