काबुल। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ ही हिंसक मामले सामने आने लगे। इस क्रम में बीते 24 घंटों में यहां अलग-अलग इलाकों को आतंकियों ने निशाना बनाया। अफगानिस्तान के पांच प्रांत में पिछले 24 घंटों के दौरान 20 से ज्यादा लोग मारे गए और 34 घायल हुए हैं। पिछले माह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) ने इस साल 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी का ऐलान किया था।
आतंकियों ने यूनिवर्सिटी की एक बस को भी निशाना बनाया। परवान प्रांत में आतंकवादियों ने एक विश्वविद्यालय की बस में विस्फोट किया। इस घटना में एक लेक्चरर सहित तीन लोगों की मौैत हो गई। बस में सवार 17 लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में यूनिवर्सिटी में मेडिसीन फैकल्टी के लेक्चरर माइवंड फारूक निजराबी (Maiwand Farooq Nijrabi) भी शामिल थे। निजराबी के रिश्तेदार मोइन मीरजादा ने कहा, ‘हर दिन के हिंसक घटनाओं में हमारे युवाओं की जान जा रही है, धर्मगुरुओं व जवान मर रहे हैं। यदि यह जारी रहा तो हम खतरनाक संकट के गवाह बनेंगे।’ शिरजाद जिले में दो नागरिक विस्फोट में मारे गए। पूर्वोत्तर प्रांत कपिसा में एक घर में मोर्टार दागे जाने से दस लोगों की मौैत हो गई, इसी घटना में 15 लोग घायल हुए हैं।
आंतरिक मंत्रालय के अनुसार तालिबान के हमले में पिछले महीने 248 नागरिक मारे जा चुके हैं और 527 घायल हुए हैं। हेरात में बम विस्फोट में छह रेलवे कर्मियों की मौैत हो गई। अफगानी सेना भी तालिबानी आतंकियों के हमले का जवाब दे रही है। कुंदुज प्रांत में 16 आतंकवादी मारे गए। पांच लोगों को तालिबान के कब्जे से मुक्त कराया गया है। सेना ने तालिबान का ठिकाना भी नष्ट कर दिया है। बल्ख के सांसद जहीर मसरूर का कहना है कि दोनों ही पक्ष एक दूसरे को दबाने के लिए अपनी शक्ति का उपयोग कर रहे हैं, जिससे आगामी शिखर सम्मेलन में अधिक लाभ प्राप्त कर सकें।