चार्ज शीट

परमाणु बमों से लैश चीन के 20 फाइटर प्लेन ताइवान की सीमा में घुसे, तुरंत किलर मिसाइलों को टारगेट किया ताइवान -सतीश उपाध्याय (सीनियर एडिटर)

ताइपे
दक्षिण चीन सागर में ताइवान को डराने में लगे चीन ने ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में शुक्रवार को दक्षिणी हिस्‍से में सबसे बड़ी घुसपैठ की। चीन के चार परमाणु बॉम्‍बर H-6K समेत 20 फाइटर जेट के घुसने से ताइवान की वायुसेना हरकत में आ गई और उसने तत्‍काल इन चीनी विमानों को मार गिराने के लिए किलर मिसाइलों को तैनात कर दिया। यही नहीं ताइवान के फाइटर जेट ने चीनी विमानों को चेतावनी भी दी। इस घटना के बाद ताइवान स्‍ट्रेट में तनाव बहुत बढ़ गया है।
चीन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह चीन की ओर से की गई सबसे बड़ी घुसपैठ थी। इन 20 लड़ाकू विमानों में चार परमाणु बॉम्‍बर H-6K, जे-16 और जे-10 लड़ाकू विमान तथा अवाक्‍स निगरानी विमान शामिल थे। चीन की वायुसेना पिछले कुछ महीने से लगातार ताइवान के इलाके में घुसपैठ कर रही है। उसका दावा है कि ताइवान चीन का हिस्‍सा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन के कुछ विमान बाशी चैनल से होते हुए गुजरे जो फ‍िलीपीन्‍स से उसे अलग करता है।

अमेरिकी युद्धपोतों पर हमले का अभ्‍यास
ताइवान की सुरक्षा प्‍लैनिंग से जुड़े एक व्‍यक्ति ने बताया कि चीनी सेना अमेरिकी युद्धपोतों पर हमले का अभ्‍यास कर रही है जो बाशी चैनल से होकर गुजरते हैं। ताइवान ने कहा है कि चीन के इस कदम से क्षेत्रीय स्थिरता खतरे में पड़ गई है। ताइवान ने कहा कि परमाणु बाम्‍बर्स समेत 20 विमानों का एक साथ आना अपने आप में बेहद असामान्‍य घटना है। चीन ने यह विमान ऐसे समय पर भेजे हैं जब ताइवान ने अपने दो विमानों के दुर्घटनाग्रस्‍त होने के बाद सभी तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम को रोक दिया है।
ताइवान के इस बयान पर चीन ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। चीन अक्‍सर कहता रहता है कि इन उड़ानों का मकसद देश की अपने संप्रभुता की रक्षा करना है। हाल ही में चीन के कोस्‍ट गार्ड को चुनौती देने के लिए ताइवान के साथ एक समझौता किया है। ताइवान और अमेरिका के बीच समझौता है कि अगर ताइवान की सुरक्षा पर कोई संकट आता है तो वह मदद के लिए आएगा।

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