एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

तालीबान के भीषण हमले से घबराई अफगान सरकार ने ली ईरान की शरण -सतीश उपाध्याय (सीनियर एडिटर)

तेहरान
ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि है कि अफगान सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राजधानी तेहरान में तालिबान के नेताओं के साथ मुलाकात की है। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब तालिबान आतंकी अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद भीषण हमले करते हुए बहुत तेजी से अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल की ओर बढ़ रहे हैं। तालिबान ने अब बागघिस प्रांत की राजधानी कलात-ए-नाव पर पहली बार जोरदार हमले शुरू कर दिए हैं।
ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने तेहरान में हो रही इस बातचीत की शुरुआत करते हुए अपने शत्रु अमेरिकी सैनिकों की वापसी का स्‍वागत किया। जरीफ ने चेतावनी दी कि आज अफगानिस्‍तान के लोग और वहां नेता निश्चित रूप से अपने देश के भविष्‍य के लिए कठिन फैसलें लें। इस वार्ता में तालिबान की ओर से प्रमुख वार्ताकार शेर मोहम्‍मद अब्‍बास स्‍तानीकजई बातचीत कर रहे हैं।
उधर, अफगान सरकार की ओर से पूर्व उप राष्‍ट्रपति योनूस कानूनी बातचीत में शामिल हैं। इस बीच अफगानिस्‍तान सरकार के अधिकारियों ने प्रण किया है कि वे तालिबान के हाथों खो चुके जिलों को वापस छीनकर ही दम लेंगे। करीब एक हजार सरकारी सैनिकों के तजाकिस्‍तान की ओर भाग जाने के बाद हजारो की तादाद में कमांडो को उत्‍तरी इलाके में आतंकवाद निरोधक अभियान के लिए लगाया गया है। अब अफगानिस्‍तान के 10 फीसदी जिलों पर तालिबान का कब्‍जा हो गया है।

तालिबान की जीत से वाणिज्य दूतावास होने लगे बंद
अधिकारियों से मिली जानकारी और खबरों के मुताबिक, उत्तर अफगानिस्तान के इलाकों में तालिबान को मिलती जीत को देखते हुए कुछ देशों ने उस इलाके में स्थित अपने वाणिज्य दूतावासों को बंद कर दिया है। वहीं ताजिकिस्तान में आरक्षित सैनिकों को दक्षिणी सीमा पर सुरक्षा और चाक-चौबंद करने के लिये बुलाया जा रहा है। ताजिकिस्तान से आ रही खबरों के मुताबिक करीब 1000 अफगान सैनिक तालिबानों बलों के आगे बढ़ने के मद्देनजर सीमा पार कर ताजिकिस्तान भाग गए हैं।
ताजिकिस्तान सरकार द्वारा सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति इमोमाली रखमोन ने अफगानिस्तान से लगने वाली सीमा को और मजबूत करने के लिये 20 हजार आरक्षित सैनिकों को भेजने का आदेश दिया है। तालिबान के उत्तरपूर्वी बदखशां प्रांत के अधिकतर जिलों पर कब्जे के बाद अफगान सेना का यह पलायन सामने आया है। कई जिलों ने बिना किसी संघर्ष के हथियार डाल दिए जबकि ताजिकिस्तान से लगने वाली प्रांत की उत्तरी सीमा पर अफगान नैशनल सिक्योरिटी एंड डिफेंस फोर्सेज के सैकड़ों सैनिकों ने सुरक्षा के मद्देनजर सीमा पार की। उत्तरी बल्ख प्रांत की राजधानी और अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ में तुर्की और रूस के वाणिज्य दूतावासों के बंद होने की खबर है।

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