इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

अग्नि 5 टेस्टिंग पर “सीक्रेट आपरेशन” का बड़ा खुलासा, टेस्ट को फेल करने की थी दुश्मन की बड़ी तैयारी, सतर्कता से दुश्मन का मिशन हुआ फेल- चंद्रकांत मिश्र (एडिटर इन चीफ)


अग्नि 5 मिसाइल टेस्टिंग के दौरान,फोटो साभार -(सोशल मीडिया)

नई दिल्ली। बुधवार का दिन भारत हीं नहीं लगभग पूरी दुनिया के लिए बहुत ही अहम दिन रहा, जहां इस दौरान भारत के ओडिशा प्रांत के चांदीपुर से अग्नि 5 की बेहद सफलतापूर्वक परीक्षण पूरा कर लिया गया, इस मिसाइल टेस्ट के दौरान और इससे पूर्व इस टेस्टिंग पर दुश्मन की तरफ से कुछ ऐसी हरकतों को अंजाम देने की नाकाम कोशिश की जानकारी वैश्विक स्तर पर सिर्फ और सिर्फ “सीक्रेट आपरेशन” न्यूज पोर्टल को हीं मिली है, जो कि अति महत्वपूर्ण सूत्रों पर आधारित है। क्योंकि इस टेस्टिंग के दौरान एक तरफ दुनिया भर के तमाम मीडिया समूहों की नजर इस टेस्टिंग पर थी, तो वहीं “सीक्रेट आपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह की पूरी निगाह उन दुश्मनों पर थी जो कि इस टेस्टिंग से न तो खुश थे और ना ही इसके सफल होने मंगल कामना कर रहे थे, इतना ही नहीं ये दुश्मन संयुक्त रूप से (चीन+पाकिस्तान) इसे पूरी तरह फेल करने के लिए एक आफ रिकार्ड स्पेशल कांफिडेंसियल मिशन पर थे, अफसोस दुश्मन का यह मंसूबा पूरी तरह से फेल रहा और उसका मिशन भी रसातल में पहुंच गया।

दरअसल, हमें अति विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से यह रिपोर्ट मिली कि बुधवार को भारत के ओडिशा प्रांत के चांदीपुर से जैसे ही अग्नि 5 का सफल परीक्षण की रिपोर्ट सामने आई, चीन के साथ साथ पाकिस्तानी की सेना और उसकी कुख्यात ISI में हड़कंप मच गया, इतना ही नहीं इस दौरान पाक फौज के जनरल लेवल के कई अफसर तथा ISI संयुक्त रूप से पहले रावलपिंडी मिलिट्री हेडक्वार्टर में एक कांफेंडिसियल मीटिंग करते हैं फिर चीनी सेना के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों तथा उसकी खुफिया एजेंसी के सीनियर ब्यूरोक्रेट्स के साथ एक आनलाईन VC भी करते हैं, बता दे कि पाकिस्तान यहीं नहीं रूका, उसने इस पूरे घटनाक्रम पर एक एंटी पाकिस्तान के नाम से रिपोर्ट भी तैयार करके बेहद गुप्त रूप से चीन, अमेरिका और अपने अन्य अंतरराष्ट्रीय मित्र देशों के साथ साझा भी किया है।

खबर तो यहां तक है कि दुश्मन संयुक्त रूप से (चीन+पाकिस्तान) एक ऐसे कांफिडेंसियल मिशन पर था कि जिससे भारत के इस महाघातक मिसाइल टेस्ट को नाकाम कर सकें, लेकिन देश की एजेंसियां दुश्मन के इन भावी हरकतों के प्रति पहले से ही सजग थी, यहीं कारण है कि यह टेस्टिंग पूरी तरह से सफल रहा। बता दे कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब उक्त दुश्मन भारत के अग्नि मिसाइलों की टेस्टिंग को लेकर आफ रिकार्ड लेवल पर बेहद हीं आक्रामक न रहा हो, क्योंकि इससे पहले भी जब भी चांदीपुर मिसाइल टेस्ट रेंज में इस तरह की मिसाइल टेस्ट की जाने वाली होती थी तो चीन के पानी वाले जासूसी जहाज तमाम तरह के अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होकर इसी समुद्र से होकर श्री लंका के हंबनटोटा बंदरगाह तक रूटिन यात्रा का प्लान करते थे, जिसे श्रीलंकन सरकार की तरफ से मौन सहमति भी दी जाती थी तो यहीं कारण था कि टेस्ट से पहले पास में ही मौजूद समुद्र में भारतीय नौसेना नोटम जारी करती थी ताकि इस दौरान किसी भी गैर भारतीय समुद्री पोत या हवाई जहाज अथवा फाइटेर प्लेन या कोई ड्रोन आदि इस क्षेत्र में न तो उड़ान भर सकें और ना ही समुद्र के सतह पर अथवा समुद्र के भीतर पनडुब्बी हीं गुजर सकें।

इस दौरान देश की तीनों सेनाओं के साथ-साथ देश की सभी ऐजेंसियां भी संयुक्त रूप से समन्वय के साथ-साथ फुल अलर्ट पर रहती है। जिससे आज तक ऐसी सभी मिसाइलें यहां से सफलतापूर्वक परीक्षण पूरा करती रही है।
गौरतलब है कि इस अग्नि 5 की सबसे बड़ी हैरान कर देने वाली बात यह है कि यह MIRV तकनीक के साथ लैश है जो कि यह तकनीक दुनिया के सिर्फ चुनिंदा देशों के पास हीं है जिसमें अमेरिका,रूस, चीन, फ्रांस तथा ब्रिटेन के अलावा इजरायल के पास भी है, हालांकि, इजरायल ने इस संबंध में न तो कभी कोई दावा किया और ना ही ऐसे दावों का खंडन, और इतिहास गवाह है कि इजरायल से जुड़े जब भी कोई सवाल सामने आता है और उसका खंडन इजरायल नहीं करता है तब यह मान लिया जाता है कि यह सवाल,सवाल नहीं, बल्कि हकीकत है। इसी कड़ी में इस मिसाइल के बारे में संबंधितों द्वारा यह भी दावा किया जा रहा है कि यह मिसाइल अपने साथ तमाम तरह के वारहेड के अलावा परमाणु हथियारों को भी बेहद सफलतापूर्वक जमीन और पनडुब्बी से भी 5000 किलोमीटर तक अपने लक्ष्य को टारगेट कर सकती हैं। जो कि यह भारत के रक्षा संबंधी विषयों के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

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