एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

तख्तापलट के विरूद्ध प्रदर्शन करने वालों के साथ म्यांमार आर्मी युद्ध वाली पालीसी अपना रही है- रविशंकर मिश्र (एडिटर इन आपरेशन)

यंगून। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे प्रदर्शनकारियों पर गुरुवार को फिर गोलियां बरसाई गई। इसमें आठ लोगों की मौत हो गई। इस दक्षिण पूर्व एशियाई देश में गत एक फरवरी को हुए तख्तापलट के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में पुलिस की फायरिंग में अब तक 60 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। अधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आरोप लगाया कि सेना प्रदर्शनकारियों के खिलाफ युद्ध वाली रणनीति अपना रही है। जबकि सैन्य शासन ने देश की अपदस्थ सर्वोच्च नेता आंग सान सू की पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों को बनाया जा रहा निशाना
मध्य म्यांमार के माएंग शहर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की फायरिंग में छह लोगों की जान चली गई। शवों को अस्पताल पहुंचने में मदद करने वाले एक व्यक्ति ने फोन पर यह जानकारी समाचार एजेंसी रायटर को दी। जबकि 31 वर्षीय एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। हम यकीन नहीं कर सकते कि उन्होंने ऐसा किया।’

आंग सान पर लगाए आरोप
म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून और मांडले में भी एक-एक प्रदर्शनकारी के मारे जाने की खबर है। इस बीच, सैन्य शासन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल जाव मिन टुन ने कहा कि सुरक्षा बल अनुशासित हैं और सिर्फ जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग कर रहे हैं। देश में ऐसी स्थिति नहीं है, जिस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंता करे। सैन्य प्रवक्ता ने आंग सान पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने सरकार में रहते छह लाख डॉलर (करीब चार करोड़ 35 लाख रुपये) के साथ ही सोना भी अवैध तरीके से स्वीकार्य किया।

कई शीर्ष नेता हिरासत में
बता दें कि सेना गत एक फरवरी को नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की सरकार का तख्तापलट कर सत्ता पर काबिज हो गई तभी से आंग सान सहित कई शीर्ष नेता हिरासत में हैं। आंग सान पर अवैध रूप से संचार उपकरण आयात करने का आरोप भी लगाया गया है।

सुरक्षा परिषद ने की हिंसा की निंदा
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने म्यांमार में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की है। इस ताकतवर संस्था ने म्यांमार की सेना से संयम की अपील करने के साथ ही हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने की अपनी मांग को दोहराया है। इस संबंध में एक प्रस्ताव को बुधवार को सर्वसम्मिति से स्वीकृति दी गई। हालांकि सुरक्षा परिषद की अपील के बावजूद म्यांमार ने गुरुवार को फिर प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया। इस बीच, अमेरिका ने तख्तापलट को लेकर म्यांमार के कमांडर इन चीफ के पारिवारिक सदस्यों पर भी प्रतिबंध लगा दिया।

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