एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

सेकेंड वर्ल्ड वार के बाद ऐसा हमला पहली बार हुआ ब्रिटेन में -राकेश पांडेय (स्पेशल एडिटर )

ब्रिटेन में आज की तारीख को एक काले दिन के रूप में याद किया जाता है. दरअसल, आज ही के दिन लंदन में आत्मघाती बम धमाके हुए, जिसमें 56 लोग मारे गए, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए. सात जुलाई 2005 की सुबह लंदन के व्यस्ततम समय के दौरान तीन भीड़-भाड़ वाले सबवे और एक बम में जबरदस्त धमाका हुआ. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ब्रिटेन पर हुआ ये सबसे बड़ा हमला था. इस हमले को लेकर माना गया कि इसे खूंखार आतंकी संगठन अल-कायदा (Al-Qaida) ने अंजाम दिया है.
ट्रेन में हुए धमाके के जरिए लंदन के अंडरग्राउंड मेट्रो सिस्टम को निशाना बनाया गया. सुबह 8.50 बजे लगभग एक साथ तीन स्थानों पर धमाके हुए. पहला धमाका सर्किल लाइन पर एल्डगेट और लिवरपूल स्ट्रीट स्टेशन के बीच, दूसरा धमाका पिकाडिली लाइन पर रसेल स्क्वायर और किंग्स क्रॉस स्टेशन के बीच और तीसरा धमाका सर्किल लाइन पर एडगवेयर रोड स्टेशन पर हुआ. इन धमाकों से अभी शहर उबर ही रहा था कि एक घंटे बाद टैविस्टॉक स्क्वायर के पास अपर वोबर्न प्लेस पर एक डबल डेकर बस में जबरदस्त धमाका हुआ. धमाका इतना जबरदस्त था कि बस की ऊपरी छत उड़ गई.

G8 शिखर सम्मेलन के दौरान हुआ हमला
ये हमला ऐसे समय पर हुआ जब तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर सहित विश्व के कई नेता G8 शिखर सम्मेलन को लेकर स्कॉटलैंड में बैठक कर रहे थे. धमाकों के बारे में जानने के बाद ब्लेयर ने हमलों को बर्बर बताया. उन्होंने इस बात की ओर इशारा किया कि ये हमला ऐसे समय पर हुआ है, जब G8 शिखर सम्मेलन चल रहा है. ब्लेयर ने इस बात का प्रण लिया कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और पीड़ितों और ब्रिटेन को न्याय दिया जाएगा. उन्होंने कहा था कि इराक में अमेरिका के साथ युद्ध लड़ रहा ब्रिटेन इन हमलों से डरने वाला नहीं है.

जुलाई में ही दोबारा हमले का किया गया प्रयास
लंदन धमाकों को अंजाम देने वाले चार आत्मघाती हमलावरों में से तीन ब्रिटेन में पैदा हुए थे, जबकि एक जमैका में. इसमें से तीन वेस्ट यॉर्कशायर में लीड्स के पास रहते थे, जबकि एक बकिंघमशायर के आयल्सबरी में रहता था. अल-कायदा ने आधिकारिक तौर पर 1 सितंबर 2005 को अल-जजीरा टेलीविजन नेटवर्क पर जारी एक वीडियो टेप में हमलों की जिम्मेदारी ली. दो हफ्ते बाद 21 जुलाई 2005 को चार बम विस्फोटों के साथ लंदन को दूसरी बार दहलाने की तैयारी की गई, लेकिन इस बार इसे विफल कर दिया गया. इस हमले को अंजाम देने आए चार लोगों को गिरफ्तार किया गया.

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