डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद मंगलवार को बाइडेन सरकार पर फिर से निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान से लौटे हैं। इस तरह इतिहास में कभी अमेरिकी सैनिक युद्ध से वापस नहीं आए।
हथियारों को वापस करने की मांग
ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका को सभी इक्विपमेंट और हथियार अफगानिस्तान से वापस लाने चाहिए। अमेरिका ने वहां 85 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं। अगर उन्हें वापस नहीं किया जाता है तो हमें सेना भेजकर उन्हें वापस लाना चाहिए या कम से कम तालिबानियों पर बम गिराने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने कभी भी ऐसी मूर्खता भरी वापसी के बारे में नहीं सोचा था।
अमेरिकी नेताओं ने कहा- शर्मनाक वापसी
अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि बाइडेन प्रशासन मनमाने तरीके से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा था। इनका फोकस केवल तय तारीख से पहले लोगों को बाहर निकालना था।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजनयिक निक्की हेली ने इसे शर्मनाक वापसी करार दिया। उन्होंने कहा कि बाइडेन ने अमेरिकी नागरिकों और अफगानी सहयोगियों को तालिबानी सरकार के भरोसे छोड़ दिया है। बाइडेन की विदेश नीति अमेरिका के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।
अभी भी फंसे हैं अमेरिकी नागरिक
अफगानिस्तान से वापसी पर रिपब्लिकन पार्टी की एक स्पीच में मार्क ग्रीन ने कहा कि यह वापसी काफी अपमानजनक है। इसके कारण कई अमेरिकी सैनिकों को जान गवानी पड़ी है। बाइ़डेन प्रशासन अफगानिस्तान मुद्दे पर असफल रही है।
रिपब्लिकन नेता ली जेल्डिन ने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी वापसी पूरी कर ली है। इसके बावजूद कई अमेरिकी अभी वहां फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी हथियार और इक्विपमेंट अब तालिबान के कब्जे में हैं।
