एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

अमेरिकी नैवी ने 18 हजार KG का बम विस्फोट किया बीच समुद्र में, धमाके से धरती लगी कांपनें – चंद्रकांत मिश्र (एडिटर इन चीफ)

दक्षिण चीन सागर में बढ़ते चीनी दबदबे को खत्म करने के लिए अमेरिका लगातार हथियारों को तैयार करने में जुटा हुआ है. इसी कड़ी में अमेरिकी सेना (US Army) ने अपने नवीनतम विमानवाहक पोत पर एक भीषण बम हमले के असर का टेस्ट किया है. अमेरिकी नौसेना (US Navy) ने पानी के भीतर हुए इस हमले का वीडियो जारी किया है, जो देखते ही देखते वायरल हो गया है. इस बम का वजन 18 हजार किलोग्राम था. इस बम को समुद्र के बीचों बीच विमानवाहक पोत गेराल्ड फोर्ड (Gerald Ford) के पास गिराया गया. इससे पानी के भीतर जोरदार धमाका हुआ और फिर एक भूकंप भी आया.
अमेरिकी नौसेना ने इसे फुल शिप शॉक टेस्ट करार दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस विस्फोट से समुद्र के नीचे रिक्टर स्केल पर 3.9 की तीव्रता का भूकंप आया. अमेरिकी नौसेना ने ये टेस्ट पिछले शुक्रवार को फ्लोरिडा (Florida) के डेटोना बीच (Daytona Beach) से 100 मील की दूरी पर किया था. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा टेस्ट अपने आप में एक असामान्य घटना है. बताया गया कि अमेरिकी नौसेना ने बम को पानी के भीतर विस्फोट किया, जबकि उसका विमानवाहक पोत पानी की सतह पर था. इस टेस्ट से ये पता चला कि ये विमानवाहक पोत बम हमले को कितनी अच्छी तरह से झेल सकता है और युद्ध के दौरान ये कितना कारगर साबित होगा.

वायरल वीडियो को 9 लाख से अधिक बार देखा गया
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने धमाके के बाद आए भूकंप को समुद्र में रिकॉर्ड किया. विस्फोट के वीडियो को गेराल्ड फोर्ड के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है. वहीं, अब इस महाशक्तिशाली विस्फोट का वीडियो वायरल हो गया है और अब तक इसे 9 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है. दूसरी ओर, इस बमबारी की लेकर चर्चा तेज हो गई है. लेकिन अमेरिकी नौसेना का कहना है कि ये पूरी तरह सुरक्षित विस्फोट था. नौसेना ने कहा कि इस विस्फोट से विमानवाहक पोत के भविष्य के युद्ध की संभावनाओं को टेस्ट किया गया.

हम बम हमले के लिए भी तैयार: अमेरिकी नौसेना
वीडियो में तीन प्रस्तावित विस्फोटों की जानकारी को साझा किया गया है. हालांकि, इस बात का अनुमान लगाया गया है कि नौसेना ने सिर्फ दो ही परीक्षण किए हैं. अमेरिकी विमानवाहक पोत (US Aircraft Carrier) के ट्विटर अकाउंट ने कहा कि इस विस्फोट के माध्यम से नौसेना ने अपनी तत्परता दिखाई और साथ ही यह भी दिखाया कि हम बम हमले का भी मुकाबला कर सकते हैं. अमेरिकी नौसेना ने कहा है कि विस्फोट का पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. गौरतलब है कि इस तरह के हमलों के चलते पर्यावरण को होने वाले नुकसान का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि बम से निकलने वाला केमिकल समुद्र में फैल जाता है.

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