आर्मीनिया के सैनिक (फाईल फोटो)
येरवेन। एक बार फिर आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष की रिपोर्ट सामने आई है जिसमें आर्मीनिया के हवाले से दावा किया जा रहा है कि इस संघर्ष में अजरबैजान ने आर्मीनिया के 15 सैनिकों को मार डाला है,और 12 सैनिकों को अजरबैजान की सेना ने हिरासत में ले लिया है। आर्मीनिया ने अपने सैनिकों को छुड़ाने और कब्जाई जमीन को वापस दिलवाने के लिए रूस से मदद मांगी है। एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अजरबैजान ने आर्मीनिया के दो इलाकों पर अवैध कब्जा कर लिया है।
आर्मीनिया के सैनिक (फाईल फोटो)
बताते चले कि वर्ष 2020 में नागोर्नो-कराबाख को लेकर दोनों देशों के बीच 44 दिनों तक भीषण संघर्ष हुआ था। इस युद्ध में कम से कम 6500 लोग मारे गए थे, जबकि 10000 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस युद्ध में इजरायल ,तुर्की और पाकिस्तान ने खुलकर अजरबैजान की बड़ी सैन्य मदद के साथ-साथ फ्रंट पर भी अजरबैजान की सेना के साथ लड़ाई लड़े थे,जबकि आर्मीनिया की किसी ने भी कोई मदद नही किया, आर्मीनिया अकेले हीं लड़ रहा था तीन-तीन दुश्मनों के साथ और हार का सामना करना पड़ा था आर्मीनिया को।
बाद में रूस सामने आया और युद्ध शांत करने के लिए मध्यस्थता किया तथा विवादित इलाके नागोर्नो-कराबाख में लगभग 2,000 रुस के शांति सैनिकों को तैनात किया था।
और अब आर्मीनिया के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि उनके देश के सैनिकों पर अजरबैजान की सेना ने तोप, छोटे हथियार और आर्मर्ड व्हीकल से हमला किया है और इस हमलें में आर्मीनिया के 15 सैनिक मारे गए हैं,और 12 सैनिकों को गिरफ्तार किया गया है इसके साथ ही अजरबैजान की सेना ने कुछ इलाकों पर अवैध कब्जा भी कर लिया है।
संघर्ष के दौरान भीषण विस्फोट (फाईल फोटो)
अजरबैजान की इस हरकत पर आर्मेनिया की सुरक्षा परिषद के सचिव आर्मेन ग्रिगोरियन ने बयान जारी किया है कि अजरबैजान ने आर्मेनिया के संप्रभु क्षेत्र पर हमला किया है, इसलिए,हम रूस से हमारे देशों के बीच मौजूदा 1987 (आपसी रक्षा) समझौते के आधार पर आर्मेनिया की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए कह रहे हैं।
बता दे कि रूस का आर्मेनिया में एक सैन्य अड्डा भी है और साथ ही नागोर्नो-कराबाख में एक शांति सेना भी है। फिलहाल आर्मेनिया की अपील पर रूस ने अभी तक कुछ भी साफ नही किया है।
उधर अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय के हवाले से बयान सामने आया है जिसमें यह कहा गया है कि कि आर्मीनियाई पक्ष से बड़े पैमाने पर उकसावे वाली कार्रवाई के वजह से अजरबैजान ने सैन्य कार्यवाही किया है।