सांकेतिक तस्वीर।
वाशिंगटन/नई दिल्ली। एक बड़ा दावा सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि भारत में भी खूंखार आतंकी संगठन ISIS कई सक्रिय शाखाएं है,जो कि इस शाखा के आतंकी वैश्वविक आतंकी गतिविधियों में सक्रियता से हिस्सा भी लेते रहे हैं।
बताते चले कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को आतंकवाद पर जारी सालाना रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान में रह कर भारत और अफगानिस्तान को निशाना बनाने वाले आतंकी संगठन अभी भी सक्रिय हैं। यही नहीं भारत में भी आइएस के आतंकी सक्रिय हैं,और यहां पर इस संगठन की शाखाएं भी है।
वहीं इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के दोहरे रवैये को भी अमेरिका ने एक बार फिर दुनिया के सामने रखा है। पाकिस्तान खुद आतंक से पीड़ित देश साबित करने की कोशिश में रहता है जबकि वह आतंकवाद को रोकने के लिए हमेशा से संदेह के घेरे में रहा है।
अमेरिकी रिपोर्ट में भारत के बारे में साफ करते हुए उल्लेख किया गया है कि यहां आतंकी गतिविधियों में कमी हुई है, लेकिन कुख्यात आतंकी संगठन आइएस (इस्लामिक स्टेट) की शाखाएं पाकिस्तान के साथ यहां भी सक्रिय हैं। रिपोर्ट में यहां तक दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने मुंबई हमले के साजिशकर्ता साजिद मीर के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
जारी रिपोर्ट में पाकिस्तान के बारे में साफ किया गया है कि वहां वर्ष 2020 में भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन लश्करे तैयबा के मुखिया हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई की गई लेकिन जैश ए मोहम्मद अभी भी वहां सक्रिय है। जबकि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना अजहर मसूद को यूएन द्वारा पहले ही अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया जा चुका है फिर भी पाकिस्तान ने कोई कार्यवाही नहीं किया,वहीं वर्ष 2008 में मुंबई हमले का साजिशकर्ता साजिद मीर भी अजहर महमूद की तरह पाकिस्तान में सक्रिय है। अफगानिस्तान को नुकसान पहुंचाने वाले आतंकी संगठन तहरीके तालिबान आफ पाकिस्तान (टीटीपी) व हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की इस रिपोर्ट से वो बातें सच साबित हुई हैं,जिसको लेकर भारत पूर्व में कई बार पाकिस्तान सरकार के समक्ष उठा चुका है,लेकिन पाकिस्तान हमेशा इनके बारे में भारत समेत पूरी दुनिया को गुमराह करता रहा।
अमेरिकी रिपोर्ट में भारतीय सुरक्षा ऐजेंसियों के बारे में कहा गया कि आतंकी गतिविधियों को रोकने में सफलता हासिल की है लेकिन यहां इंटेलीजेंस व सूचनाओं को साझा करने में बहुत सारी कमियां है। इस दौरान भारतीय ऐजेंसियों द्वारा किये वर्क आउट को लेकर काफी तारीफ भी किया गया है इस रिपोर्ट में।
वहीं भारत के केरल राज्य से पकड़े गए अल-कायदा के आतंकवादियों के बारे में भी इस रिपोर्ट में जिक्र किया गया है। जिस वजह से हाल के दिनों में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों व जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में काफी कमी देखी गई है। वहीं अलग देश की मांग करने वाला आतंकी संगठन खालिस्तान संगठन भी भारतीय ऐजेंसियों के भारी दबाव के चलते कोई बड़ी हरकत अभी तक नहीं कर सका है।
कुल मिलाकर देखा जाये तो सारांश में यही आता है कि अमेरिकी रिपोर्ट में एक तरफ तो भारतीय ऐजेंसियों की तारीफ भी किया गया है तो वहीं दूसरी तरफ इंटेलीजेंस में बहुत सारी कमियों को भी उल्लिखित किया गया है।