भारतीय सेना के एक मेजर का कहना है कि ये पाकिस्तानी लाहौरी जाफरानी है जो कि बड़े जल्दी ये खुशी में सातवें आसमान पर चढ़ जाते हैं और झट से अपनी औकात समझ में आते ही चुपचाप उतर भी जाते है और इनका दुश्मन कह दे तो ये जितना उपर चढ़े थे उतना ही जमीन के अंदर भी चले जायेंगें,यह औकात है इनकी।
और इनका इतिहास भी है,जब ये भारत से अलग हुए और इनको मामूली संख्या में तोफ, टैंक, फाइटर जेट वगैरह आदि देकर चने के झाड़ पर थोड़ा सा चढ़ाया जाता था बस ये भारत से भिढ़ बैठते थे और बाद में अपना बड़ा नुकसान कराने के बाद दुनिया से रोते हुए गुहार लगाते कि भारत से हमारी सुलह कराइये,जब ये सब जतन करके भारत से हार गए तब ये भारत के खिलाफ आतंकवाद के रूप में प्राक्सी वार लड़ रहे हैं।
अब आते हैं मुख्य बिंदु पर पूरी दुनिया जानती है कि तालिबान की जितनी मदद हो सकती थी पाकिस्तान ने किया वजह साफ है कि भविष्य में पाकिस्तान अपने दुश्मनों के विरूद्ध इस तालिबान का उपयोग किया जा सके लेकिन बेवकूफ पाकिस्तान तालिबान को पढ़ नहीं पाया मतलब जिन मुद्दों से पाकिस्तान में अशांति फैल सकती है उन मामलों पर तालिबान किसी भी प्रकार से पाकिस्तान का मदद करता हुआ नहीं दिख रहा है सिर्फ लालीपाप दे रहा है, पाकिस्तान चाहता है कि तालिबान तुरंत पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की डूरंड लाइन की समस्या खत्म करें और उन सभी आतंकी संगठनों के विरूद्ध तुरंत कार्यवाही करते हुए अन्य अपेक्षित सहयोग करें जो कि पाकिस्तान की अशांति के कारण है लेकिन खबर है कि तालिबान ने पंजशीर घाटी पर फतह करने के बाद हि मदद की बात कर रहा है इसलिए उल्टा पाकिस्तान से हीं मदद मांग रहा है जिस कड़ी में ISI चीफ काबुल पहुंचा है अब खबर तो यहां तक है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के बीच आपस में जो खूनी संघर्ष की बात आ रही है वह प्रायोजित है निशाना पंजशीर घाटी है और सुलह के नाम पर ISI चीफ गया है काबुल जो कि नार्दन एलायंश आर्मी के विरूद्ध मिलीट्री एक्शन को आपरेट करेगा,
और अंत में यहीं कहना है कि तालिबान के रास्ते का सबसे बड़ा कांटा नार्दन एलायंश आर्मी है और तालिबान का सीक्रेट प्लान है कि पंजशीर घाटी पर फतह करने के बाद फिर वह पाकिस्तान को भी टारगेट करेगा क्योंकि ये जो डूरंड लाइन का विवाद हैं और यह सौ साल का विवाद हैं लेकिन आज तक दोनों देशों के बीच का यह मसला हल नहीं हुआ और इसी को लेकर अक्सर झड़पें होती रही है।
बेचारा लाहौरी जाफरानी (पाकिस्तान) इस सच से अनजान है कि तालिबान उसको यूज कर रहा है !