एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

खूंखार आतंकी संगठन ISIS से संबंध रखने के आरोपी वकिल की सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज, आरोपी 4 साल से बंद है गुजरात की जेल में – चंद्रकांत मिश्र (एडिटर इन चीफ)

नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत ने खूंखार आतंकी संगठन ISIS से संबंध रखने के आरोपी वकिल को जमानत देने से इंकार कर दिया।
बताते चले कि आरोपी वकिल उबेद अहमद 25 अक्टूबर,2017 से ही जेल में बंद है,बुधवार को याचिकाकर्ता के वकिल की तमाम दलीलों को सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह आदेश दिया कि एक साल में इस मामले की विधिक सुनवाई का निष्कर्ष निकाला जाए। इस मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोप बेहद गंभीर हैं,और याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि उनके क्लाइंट पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली इस बेंच में जस्टिस सूर्य कांत और हिमा कोहली भी शामिल थे। उन्होंने याचिकाकर्ता के वकील सिद्धार्थ दवे से कहा,’ आपके खिलाफ सबूत हैं। इस स्टेज पर इसकी कोई वजह नहीं है कि हम इन सबूतों को ना मानें। आप आतंकी संगठन ISIS के एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे।’ बेंच ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता के व्हाट्सऐप चैट दूसरे समुदाय के लोगों की हत्या करने से संबंधित हैं।

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आरोपी वकिल की जमानत याचिका के सुनवाई के दौरान आरोपी के वकिल दवे ने अदालत से आग्रह किया कि उनके क्लाइंट, सूरत में वकील हैं और अभी प्रैक्टिस भी करते हैं। गुजरात पुलिस ने साल 2017 में उन्हें गिरफ्तार किया था। इसके बाद बिना चार्ज फ्रेम किये हुए वो करीब चार सालों से जेल में बंद हैं। उन्होंने अदालत से कहा कि यह उनके क्लाइंट के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल पर सिर्फ इतना ही आरोप है कि वो पैसों के लिए
आतंकी संगठन ISIS में लोगों की नियुक्ति करते थे। इसके बाद फेसबुक पोस्ट और व्हाट्सऐप चैट के आधार पर उनपर यूएपीए लगाया गया। उनके पास से एक भी पैसा बरामद नहीं हुआ और ना ही उन्होंने कभी सीरिया की यात्रा की है। बचाव पक्ष के इस दलील पर जजों की खंडपीठ ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यूएपीए लगने की वजह से उन्हें जमानत नहीं दी जा रही। बल्कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप काफी गंभीर हैं।

वहीं इस विषय में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि घटना से जुड़े आरोपी और सह आरोपी ट्रायल कोर्ट के हर आदेश को चुनौती दे रहे हैं इसलिए इस सुनवाई में देरी हो रही है।
उच्चतम न्यायालय ने दोनों पक्षों की तमाम दलीलों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता की जमानत याचिका खारिज कर दी।

उल्लेखनीय है कि आरोपी वकिल सूरत कोर्ट में पेशेवर वकिल है इसको 25 अक्टूबर 2017 में गुजरात ATS ने गिरफ्तार किया था। गुजरात ATS के अनुसार आरोपी वकिल सोशल मीडिया पर खूंखार आतंकी संगठन ISIS के सिद्धांतों के बारे में चर्चा करता था और इससे जुड़े लिंक एक अन्य आरोपी कासिम को शेयर कर रहा था। कासिम पर आरोप है कि वो अहमदाबाद में लोन वुल्फ अटैक की योजना बना रहा था।

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