एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

घाटी में आतंकवाद को कुचलने के लिए जारी किया गया तुगलकी फरमान, राज्य सरकार को रिपोर्ट करने वाली नयी ऐजेंसी SIA का किया गया गठन – चंद्रकांत मिश्र/राकेश पांडेय


कश्मीर के LG मनोज सिन्हा (फाईल फोटो)

श्रीनगर। घाटी में आतंकवाद को कुचलने के लिए अब एक नये विभाग को बनाने का अनुमति दिया गया है और यह विभाग जम्मू और कश्मीर राज्य को रिपोर्ट करेगा इस नये विभाग को स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी SIA का नाम दिया गया है और यह विभाग केंद्रीय ऐजेंसियों के साथ मिलकर काम करेगा। राज्य पुलिस की सीआईडी शाखा के प्रमुख इसके निदेशक होंगे और बाकी अधिकारियों को समय समय पर दूसरे विभागों से प्रतिनियुक्त किया जाएगा। प्रदेश के सभी पुलिस स्टेशनों को कहा गया है कि आतंकवाद से जुड़े किसी भी मामले को दर्ज करते ही एसआईए को रिपोर्ट करेंगे। इस नई ऐजेंसी के लिए कोई नया कानून नहीं लाया गया है,लेकिन यह कई मौजूदा कानूनों के प्रावधानों के तहत काम करेगी। इनमें आईपीसी की कई धाराएं, यूएपीए, विस्फोटक पदार्थ कानून आदि भी शामिल हैं। कश्मीर में पहले से ही सीआईडी,सीआईके,क्राइम ब्रांच,एसओजी जैसी प्रदेश स्तर की जांच एजेंसियां सक्रिय हैं। जबकि एनआईए और ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां भी आतंकवाद और आतंकवाद से जुड़े धन शोधन के मामलों की जांच करती रही हैं
India is threatened by this new terrorist organization named Tehreek-e-Taliban
आतंकी (सांकेतिक तस्वीर)

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस नई एजेंसी का गठन उन मामलों की जांच करने के लिए किया गया है जिन्हें एनआईए को नहीं सौंपा जाएगा। नई एजेंसी के गठन की घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कश्मीर दौरे के तुरंत बाद की गई है। इस नयी ऐजेंसी की जरूरत ऐसे समय में हुई जब बीते अक्टूबर महीने में ही अलग-अलग आतंकी घटनाओं में कम से कम 44 लोग मारे जा चुके हैं और इनमें आतंकवादियों के अलावा, सुरक्षाकर्मी और आम लोग भी शामिल हैं।


भारतीय सैनिक (फाईल फोटो)

लेकिन इस नये ऐजेंसी की स्थापना समझ से परे लग रहा है
क्योंकि घाटी में जब पहले से ही कई केंद्रीय व राज्य की ऐजेंसियां आतंकवाद मिशन पर वर्षो से काम कर रही है और अभी तक आतंकवाद को पूरी तरह से कुचलने में नाकाम रही है तो इस नये ऐजेंसी की स्थापना क्यों ? सिर्फ वित्त विभाग पर अतिरिक्त बोझ ही साबित होगी यह ऐजेंसी,अब यह किसके दिमाग की उपज है ? अभी तक मालूम नहीं हो सका है, और पता नहीं क्यों इसकी मंजूरी दी गई ? यह विभाग सिर्फ तुगलकी फरमान ही साबित होगा।

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