सांकेतिक तस्वीर।
वाशिंग्टन/बीजिंग। रूस-यूक्रेन जंग के बीच चीन के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाला दावा किया है,जिसमें कहा जा रहा है कि चीन के स्मार्ट सैटेलाइट रीयल टाइम में अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर को ट्रैक कर रहे हैं। बता दे कि अमेरिका और चीन ताइवान को लेकर इस समय एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। इसके अलावा इंडो-पैसिफिक में भी अमेरिका और चीन के बीच जारी तनाव को साफ तौर पर अनुभव किया जा रहा है। ऐसे में चीन द्वारा अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियरों की हर मूवमेंट की पल-पल जानकारी लिए जाना अमेरिका के लिए बिलकुल भी ठीक नहीं है।
बता दे कि जब यूएसएस हैरी एस ट्रूमैन पिछले साल 17 जून को न्यूयॉर्क में लॉन्ग आइलैंड के तट पर एक स्ट्रेट ट्रांजिट ड्रिल के लिए जा रहा था,तब लेटेस्ट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस एक चीनी रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट ने ऑटोमेटिक निमित्ज़ क्लास के इस एयरक्राफ्ट कैरियर का पता लगाया और सटीक लोकेशन के साथ बीजिंग को सतर्क कर दिया। उस समय अमेरिका का यह एयरक्राफ्ट कैरियर सरफेस वॉरफेयर अडवांस टेक्टिकल ट्रेनिंग एक्सरसाइज का नेतृत्व कर रहा था।
दरअसल,इसी साल अप्रैल में डोमेस्टिक पीर रिव्यूड जर्नल स्पेसक्राफ्ट इंजीनियरिंग में प्रकाशित एक पेपर में डीएफएच सैटेलाइट के रिसर्चर्स की टीम ने दावा किया था कि चीन इस समय अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर को रीयल टाइम ट्रैक कर रहा है। डीएफएच सैटेलाइट एक चीनी एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी है। इस कंपनी का पूरा स्वामित्व चाइना स्पेससेट कंपनी लिमिटेड के पास है। इसकी गतिविधियां चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी नियंत्रित करती है।
इससे पहले चीन अमेरिकी जल क्षेत्र में होने वाले ड्रिल की जानकारी पाने के लिए सैटेलाइट से मिले डेटा पर हीं निर्भर रहता था। उस समय सैटेलाइट से मिले डेटा की जमीन पर कई दिनों तक स्टडी की जाती थी। ऐसे में आमतौर पर अभ्यास के खत्म होने के बाद चीन को थोड़ी-बहुत जानकारी मिल पाती थी। लेकिन,अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस सेटेलाइट के जरिए चीनी सेना अमेरिकी सैन्य गतिविधियों का लाइव पता लगाने में सक्षम हो गई है। बताया जा रहा है कि चीन की यह सैटेलाइट इतनी ताकतवर है कि इससे रीयल टाइम लाइव स्ट्रीमिंग भी की जा सकती है। फिलहाल,चीन अब,जब चाहे तब अमेरिकी सेना की गतिविधियों को लाइव ट्रैक कर सकता है।