इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

बार-बार चेतावनी के बाद भी रूसी हैकरों ने फिर किया अमेरिका पर बड़ा सायबर हमला, IT की 140 कंपनियां हुई इस हमले का शिकार – राकेश पांडेय (स्पेशल एडिटर)


सांकेतिक तस्वीर

वाशिंगटन। रूस को जो बाइडेन की तरफ से बार-बार चेतावनी जारी करने के बाद भी अमेरिकी कंपनियों पर रूस के साइबर हमले जारी है। बताया जा रहा है कि रविवार को अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट्स ने रूसी खुफिया ऐजेंसी के बड़े साइबर हमले का दावा किया है। अमेरिकी एक्सपर्ट्स ने सरकारी विभाग,कॉर्पोरेट,कंप्यूटर नेटवर्क के अलावा माइक्रोसॉफ्ट के अधिकारियों को भी सतर्क रहने की सख्त हिदायत दिया है।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार रूस की स्टेट स्पॉन्सर्ड फर्म नोबेलियम ने अमेरिका की करीब 140 IT सप्लाई चेन कंपनियों को टारगेट करते हुए बड़ा सायबर हमला किया गया है। फिलहाल अमेरिकी ऐजेंसियां इस कथित सायबर हमले की जांच कर रही है। इसी क्रम में एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक बीते एक महीने पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिका में हुए साइबर हमले के बाद से ही रूस पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे और साथ-साथ रूस को चेतावनी भी दिये थे कि भविष्य में इस तरह के हमलों की पुनारावृति ना हो।

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अमेरिका के एक माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के एक एक्सपर्ट के हवाले से यह रिपोर्ट सामने आई है कि इस बार रूसी हैकरों द्वारा नया साइबर अटैक बड़े स्तर पर किया गया है। और यह अटैक क्लाउड में स्टोर किए गए डेटा को हासिल करने के लिए किया गया था। फिलहाल दावें में यह भी कहा जा रहा है कि रूसी हैकर इस बार अपने मिशन में मामूली सफल हुए हैं यानि हैकिंग के दौरान ज्यादा मात्रा में डेटा चोरी नहीं कर पाए है।

बताते चले कि इससे पहले वर्ष 2016 में भी रूसी खुफिया ऐजेंसी ने अमेरिका की डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के नेटवर्क में सेंधमारी की थी। उस समय अमेरिका में आम चुनाव चल रहा था और उस समय भी पहली बार इतने बड़े स्तर पर रूसी हैकरों साइबर हमला किया था।

बीते 10 मई 2021 को भी अमेरिका की सबसे बड़ी तेल पाइपलाइन पर इन्ही रूसी ऐजेंसियों ने साइबर अटैक किया था। इसके बाद बाइडेन प्रशासन ने आपातकाल की घोषणा कर दी थी। बताते है कि जिस कोलोनियल पाइपलाइन कंपनी पर अटैक हुआ था,वह रोजाना 25 लाख बैरल तेल सप्लाई करती है।
हैकर्स ने तब इस पाइलपालन की साइबर सिक्योरिटी पर हमला किया था। इसके बाद न्यूयॉर्क तक रिकवरी टैंकर्स के जरिए तेल और गैस की सप्लाई करनी पड़ी। साइबर हमले का असर अटलांटा और टेनेसी पर सबसे ज्यादा दिखाई दिया था।

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बताया जाता है कि इस साइबर अटैक का आरोप डार्कसाइड नाम की साइबर अपराधियों की गैंग पर लगा था। इन्होंने कोलोनियल कंपनी के नेटवर्क को हैक कर लिया था और करीब 100GB डेटा चुरा लिया। हैकर्स ने कुछ कंप्यूटरों को लॉक करके फिरौती भी मांगी थी।
फिलहाल रुसी हैकरों पर अमेरिकी चेतावनियों का कोई असर नहीं है,इसलिए बेख़ौफ हैकर लगातार अमेरिका पर सायबर हमला जारी रखें हुए हैं,और अमेरिका सिर्फ चेतावनी और प्रतिबन्ध तक ही सीमित है।

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