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युध्द के 55 दिन बाद भी टास्क से दूर रहने पर रुसी सेना ने बदला अपना “मिशन”, यूक्रेन को अब दो टुकड़ों में बांटने के लिए लड़ाई हुई तेज – सतीश उपाध्याय/अमरनाथ यादव


सांकेतिक तस्वीर।

कीव/मॉस्को। युद्ध के 55 दिन बाद भी रुसी फौज अभी भी वही दिख रही है जहां से उसने लड़ाई की शुरुआत की थी, हालांकि आंशिक सफलता मिली है लेकिन उसका उतना प्रभाव नहीं है। इसी बीच अब यह रिपोर्ट सामने आ रही है कि रूसी सेना अब यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में स्थित डोनबास पर कब्जे की निर्णायक तैयारी कर ली है। बता दें कि रूस की नजर यहां यूक्रेन के बड़े प्राकृतिक खजाने पर है।

इस दौरान रूसी फौज ने खारकीव व क्रामाटोर्स्क के पूर्वी शहरों को टारगेट करते हुए इन इलाकों पर भीषण हमले किए हैं। वहीं डोनबास के पश्चिम में जापोरिजिया और निप्रो में भी मिसाइले भी दागे जाने की पुष्टि हुई है। बताते चले कि तड़के सुबह रुस के इन भीषण हमलों से दक्षिणी शहर मायकोलाइव दहल उठा है। इसी बीच इसके पास के शहर बश्तंका में एक अस्पताल में गोलीबारी की भी खबर सामने आई।

कहा जा रहा है कि डोनबास पर कब्जे में रूसी सेना यदि कामयाब हो गई तो राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के दो टुकड़े करने में कामयाब हो जाएंगे। यानि पूर्वी यूक्रेन अलग हो जाएगा। बताया जा रहा है कि यह इलाका यूक्रेन का बड़ा आर्थिक स्रोत है। दरअसल,इस इलाके में यूक्रेन की बड़ी कोयला खदानें हैं और यहां देश के तमाम औद्योगिक केंद्र भी है।

दरअसल,रूसी फौज जो अब करने जा रही है उसकी संभावना बहुत पहले ही इस युद्धकाल के दौरान हीं यूक्रेन की ऐजेंसियों ने कर दिया था,मालूम हो कि जब भीषण हमलों के बावजूद भी रुसी फौज सफलता से दूर रही तो उसने प्लान “बी” पर फोकस करना शुरू कर दी यानि यूक्रेन को दो टुकड़ों में बांटना और अब इसी टास्क को पूरा करने में जी जान से रूसी सेनाएं जुट गई है,फिर भी यह आसान नहीं है।

इधर,अभी हाल ही में एक वीडियो फुटेज के हवाले से दावा किया गया था कि चार रूसी टीयू-160 न्यूक्लियर बॉम्बर जिन्हें बियर के नाम से भी जाना जाता है,रूस के कलुगा क्षेत्र में उड़ते दिखाई दिए जो कि यूक्रेन सीमा से लगा है। नाटों ऐजेंसियों को आशंका है कि रूसी सेना परमाणु हमले की ड्रिल कर रही है।

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