कीव/मॉस्को। यूक्रेन के खिलाफ रूस द्वारा लगातार जारी मिलीट्री आॅपरेशन के छटवें दिन सुबह के 11 बजे तक की रिपोर्ट पहले से भी और डरावनी और घातक है कि वहीं दुनिया भर के कई देश यूक्रेन को मिलिट्री इक्विपमेंट भेजकर मदद जारी रखे हुए हैं। जिस क्रम में रूस ने इन सभी देशों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इन इक्विपमेंट का रूस के खिलाफ इस्तेमाल किया गया तो,इस सप्लाई के लिए वें देश जिम्मेदार होंगे।
वहीं डिप्लोमैटिक कोशिशें भी लगातार जारी हैं। इसी कड़ी में यूक्रेन संकट पर यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट्स काउंसिल (UNHRC) ने इमरजेंसी डिबेट का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में 29 और विपक्ष में 5 वोट पड़े। भारत समेत 13 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। बता दें कि UNHRC में कुल 47 सदस्य हैं।
वहीं एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि SBI ने रूस की प्रतिबंधित संस्थाओं के साथ व्यापार करना बंद कर दिया। वहीं, रूस ने भी अपने लोगों के विदेश में मनी ट्रांसफर पर रोक लगा दी है।
उधर,ऑस्ट्रेलिया भी यूक्रेन को 75 मिलियन डॉलर देने के लिए तैयार हो गया है,तो यूरोपीय देश भी यूक्रेन को 75 फाइटर प्लेन देने के लिए सहमत हुए हैं।
फिलहाल,रूस के इस आॅपरेशन में 352 यूक्रेनी लोगों की जाने जा चुकी है,जिसमें 16 बच्चे भी शामिल हैं। यूक्रेनी डिप्लोमैट ने UNGA की मीटिंग में इस बारे में जानकारी दी।
यूक्रेन के अधिकारियों ने रूसी सेना पर खार्कीव में एक रिहायशी इलाके में रॉकेट दागने का आरोप लगाया, जिसमें दर्जनों नागरिक मारे गए।
वहीं सेटेलाईट ईमेज के आधार पर बड़ा दावा सामने आया है कि 27 किलोमीटर इलाके में फैला रूसी सैनिकों का काफिला राजधानी कीव की तरफ बढ़ रहा है।
उधर,यूक्रेन की तरफ से दावा सामने आया है कि अब तक की इस लड़ाई में लगभग 5,300 रूसी सैनिक मारे गए हैं। और इस दौरान रूस के 151 टैंक,29 विमान और 29 हेलिकॉप्टर को तबाह किया जा चुका है। तो वहीं दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने यूक्रेन में 94 लोगों की मौत और कम से कम 376 नागरिकों के घायल होने की पुष्टि की है।
तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने रूस के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए उसके 12 डिप्लोमैट को अपने यहां से निकाल दिया है। अमेरिका का कहना है कि गैर-राजनयिक ‘गतिविधियों’ के कारण UN के 12 रूसी डिप्लोमैट को निकाला गया है।
भारत भी UN यूक्रेन संकट पर चिंता जाहिर करते हुए सभी देशों से डिप्लोमैटिक रास्ते पर लौटने की मांग की। इसके अलावा यूक्रेन में मानवीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने दवाओं सहित तत्काल राहत आपूर्ति भेजने का फैसला किया है। इन्हें बुधवार को यूक्रेन की जनता के लिए भेजा जाएगा।
भारत हमेशा सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की बात कहता रहा है। भारत सरकार का मानना है कि कूटनीति के रास्ते पर लौटने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
भारत यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू करने के लिए जो कुछ भी कर सकता है वह कर रहा है। भारतीय नागरिकों को बाहर निकलना हमारी प्राथमिकता है।
मैं यूक्रेन के सभी पड़ोसी देशों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने हमारे नागरिकों के लिए अपनी सीमाएं खोली। हम अपने पड़ोसी और विकासशील देशों के फंसे लोगों की मदद के लिए तैयार है।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के विशेष सत्र में रूस और यूक्रेन के डिप्लोमैट ने एक दूसरे पर निशाना साधा। यूक्रेनी डिप्लोमैट सर्गेई किस्लिट्सिया ने कहा कि अगर यूक्रेन नहीं बचता है, तो संयुक्त राष्ट्र भी नहीं बचेगा।
रूस के प्रतिनिधि वसीली नेबेंजिया ने UN में कहा कि कीव के नागरिक शांतिपूर्ण तरीके से बिना किसी परेशानी के राजधानी छोड़कर जा सकते हैं। रूसी ऑपरेशन किसी महत्वपूर्ण सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रभावित नहीं करता है। मौजूदा परेशानी यूक्रेन की वजह से उपजी है।
वहीं यूक्रेन पर 16 घंटे में कब्जा करने का टास्क फेल होते दिख रहा है,ऐसे में अब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एटमी हथियारों के इस्तेमाल का खौफनाक प्लान बनाया है। जिस क्रम में रूस ने एटमी कमांड वाली यूनिट की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और इन्हें हमले की तैयारी करने के आदेश दिए गए हैं। पुतिन ने इस कमांड के अफसरों के साथ मीटिंग भी की है।
उधर,यूक्रेन लड़ाई में शामिल होने के इच्छुक कैदियों को मिलिट्री ट्रेनिंग के साथ रिहा कर देगा। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यह ऐलान किया है।
इस दौरान मंगलवार की सुबह रूसी फौज ने यूक्रेन के एक मिलीट्री कमांड बेस पर घातक हमला करते हुए भारी नुकसान पहुंचाया है जिसमें यूक्रेन के 70 सैन्यकर्मियों की मौत हुई है,यूक्रेन पर पहले से भी और घातक हमला जारी है तो वही यूक्रेन की तरफ से भी दुश्मन पर पलटवार जारी है, जिसमें रूस की तरफ भी भारी नुकसान की रिपोर्ट सामने आ रही है। फिलहाल,लड़ाई अपने चरम पर है।