सांकेतिक तस्वीर।
चंडीगढ़। जिसका पहले से ही शक था,वहीं हुआ,पंजाब के लुधियाना सेशन कोर्ट में हुए घातक बम विस्फोट में पाकिस्तानी ऐजेंसियों की साजिश होने की रिपोर्ट सामने आई है,कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के एक आतंकी ने जर्मनी स्थित एक खालिस्तानी समर्थक के साथ मिलकर इस आतंकी हमले की साजिश को अंजाम दिया है। इस आतंकी को पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के साथ वहां की इंटेलीजेंस ऐजेंसी ISI ने भी इस हमले के प्लान में बखूबी रोल प्ले किया था।
बताया जा रहा है कि इस खालिस्तानी आतंकी का नाम हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा संधू है और यह आतंकी पंजाब पुलिस की लिस्ट में ‘कैटेगरी-ए’ का वांटेड है। पाकिस्तान की ISI ने हरविंदर के साथ जर्मनी के खालिस्तानी समर्थक जसविंदर सिंह मुल्तानी को इस हमले का टास्क दिया था। इसी कड़ी में आगे यह भी बताया कि इन दोनों को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बम विस्फोट के जरिये पंजाब को अस्थिर करने की जिम्मेदारी दी गई थी। भारतीय ऐजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार ऐसी आशंका है कि करीब 35 वर्षीय संधू पाकिस्तान में रहता है और उसने फर्जी आइडेंटिटी के सहारे भारतीय पासपोर्ट भी बनवा लिया है,और इसका संबंध बाबर खालसा इंटरेशनल से बताया जा रहा है जिसका चीफ पाकिस्तान के लाहौर में रहने वाला वाधवा सिंह है।
संधू के बारे में भारतीय ऐजेंसियों का मानना है कि यह बड़े पैमाने पर सीमापार से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी में पहले से ही जुड़ा रहा है। अभी इसके बारे में यह भी कहा जा रहा है कि वह पंजाब के तरन तारन जिले से महाराष्ट्र के नांदेड़ तक भी अपनी पहुंच बनाने में सफल रहा है। ऐजेंसी के अधिकारियों ने बताया है कि पंजाब के साथ-साथ वह महाराष्ट्र, चंडीगढ़, हरियाणा और पश्चिम बंगाल पुलिस की हिट लिस्ट में भी है।
कहा जा रहा है कि संधू 2008 में पहली बार गिरफ्तार हुआ था,उस समय उसने पंजाब के तरन तारन में अपनी निजी दुश्मनी में एक शख्स की हत्या कर दी थी। जहां उसे इस अपराध में उम्रकैद की सजा हुई थी। इस दौरान अक्टूबर 2014 में वह जमानत पर जेल से छूटा था। जहां वर्ष 2016 में उसने अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए गुरुद्वारे के ग्रंथी की हत्या कर मार डाला था। इसके बाद संधू ने महाराष्ट्र के नांदेड़ और वजीराबाद में अपने भाई का बदला लेने के लिए दो अन्य लोगों को भी हत्या कर दिया।
इन घटनाओं को अंजाम देने के बाद वह फरार हो गया, जहां बाद में उसे पुलिस ने भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। फिलहाल अब वह 30 अन्य आपराधिक घटनाओं में वांटेड है। इनमें 10 हत्याएं, 6 हत्या के प्रयास, 7 डकैतियां, छिनैती और वसूली समेत आर्म्स एक्ट और एनडीपीएस एक्ट के कई मामले हैं।
बता दें कि वर्ष 2017 में पश्चिम बंगाल के एक होटल में रूटीन चेकिंग के दौरान संधू पुलिस के हत्थे चढ़ते-चढ़ते बच कर भागने में कामयाब हो गया,लेकिन पुलिस ने इस दौरान हरप्रीत कौर को दबोच लिया,जिससे संधू ने हाल ही में शादी किया था, इस दौरान उसके साथ एक और जोड़ा भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया,जो कि वर्ष 2018 में एक पंजाबी गायक परमीश वर्मा पर हमले का आरोपी था,जिस पर कि पंजाब पुलिस ने पहले से ही गैंगस्टर की कार्यवाही कर चुकी थी,इसका नाम दिलप्रीत सिंह ढहां उर्फ बाबा था, जब इससे संधू के बारे में पूछताछ की गई तो इसने बताया कि उसका सहयोगी संधू पाकिस्तानी आतंकी और बाबर खालासा का इंटरनेशनल मुखिया वाधवा सिंह “बाबर” के संपर्क में है।