रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (फाईल फोटो)
नई दिल्ली। लद्दाख बार्डर पर दुश्मन की हरकत भारत के खिलाफ लगातार जारी है,जबकि भारतीय फौज अभी भी अपने संयमित रूख पर कायम है,बताया जा रहा है कि डेप्सांग और हाट स्प्रिंग क्षेत्रों में चीनी सेनाओं की मौजूदगी अभी भी है। चीनी सेना को पीछे हटाने के लिए भारत की तरफ से लगातार कोशिश की जा रही हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (फाईल फोटो)
बताते चले कि दुश्मन ने अचानक पिछली बैठक से अड़ियल रुख अपना लिया था जिससे बातचीत बेनतीजा रही थी। इसके बावजूद भारन ने चीन के सीमा कानून को लेकर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है और उम्मीद जाहिर की है कि वह कोई ऐसा कदम नहीं उठाएगा, जिससे सीमा क्षेत्रों की स्थिति में एकतरफा ढंच से बदलाव आ सकता हो।
भारतीय सेना के जवान (फाईल फोटो)
रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि, चीन के साथ एक तरफ पूर्वी लद्दाख में एलएसी से जुड़े मुद्दों पर लगातार बात हो रही थी। दूसरी तरफ उसने पूर्वी क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के निकट अपनी गतिविधियां बढ़ा दी थी और उन क्षेत्रों में भी दुश्मन की सेना गश्त शुरू कर दी थी जो उसके दावे से भी बाहर थे। ऐसे में जब भारतीय सेना ने चीनी सेना की एक टुकड़ी को कुछ घंटों के लिए रोका तो उसका सीधा असर 13वें दौर की सैन्य कमांडर वार्ता में दिखा।
ईस्टर्न कमांड के कमांडर मनोज पांडेय बीच में(फाईल फोटो)
कहा जा रहा है कि दुशमन सेना की तरफ से अरुणाचल और सिक्किम में LAC के पास अचानक हलचल तेज की गई है। सीमा कानून की घोषणा को भी चीन की नई रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
इधर नई दिल्ली में भारतीय सेना के चार दिवसीय सम्मेलन में देश के रक्षामंत्री ने दुश्मन को साफ-साफ चेतावनी भरे लहजें में संदेश दे दिया है कि सेना बिल्कुल तैयार बैठी है, और देश के दुश्मनों को ईट का जवाब पत्थर से दिया जायेगा।