एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

सेना के असम रायफल्स रेजिमेंट के कानवाई पर हुए हमले की जिम्मेदारी लिया दो उग्रवादी संगठनों ने, चीन का सहयोग प्राप्त है इन संगठनों को – चंद्रकांत मिश्र/हेमंत सिंह


सांकेतिक तस्वीर

कलकत्ता। मणिपुर में शनिवार को असम राइफल के कानवाई पर हुए घातक हमले में दो उग्रवादी संगठनों का नाम सामने आया है,जिसमें PLA और नागा पीपुल्स फ्रंट का नाम बताया जा रहा है,इनमें से एक उग्रवादी संगठन PLA के तार पड़ोसी देश चीन से जुड़ा हुआ है। यह उग्रवादी संगठन देश के दुश्मन चीन द्वारा पोषित है और इस संगठन का हेडक्वार्टर्स देश के पड़ोसी देशों बांग्लादेश-म्यांमार में है।

बताते चले कि 25 सितंबर, 1978 को एन. बिशेश्वर सिंह ने इस संगठन की स्थापना की थी और इस संगठन का उद्देश्य मणिपुर को भारत से अलग करना था,इसमें नागा व कुकी समूहों को एकजुट करना और देश के सेना के खिलाफ हमले लगातार जारी रखना।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन संगठनों का म्यांमार में दो और बांग्लादेश में 5 शिविर मौजूद हैं। इनमें करीब 1,000 रंगरूटों ने अत्याधुनिक हथियारों का प्रशिक्षण प्राप्त किया हुआ है।
6 जुलाई 1981 को PLA के थौबल टेकचम कैंप पर भारतीय सुरक्षाबलों ने छापा मारकर कैंप में लगभग सभी शीर्ष नेतृत्व को मार गिराया था,और बिशेश्वर को भी गिरफ्तार कर लिया था।

सांकेतिक तस्वीर

जनवरी 1991 के दस्तावेजों पर गौर किया जाय तो के पाक खुफिया ऐजेंसी ISI के साथ गठजोड़ का साफ साफ वर्णन मिलता है। भारत में इन आतंकियों को फलने-फूलने के लिए चीन से भी मोटी फंडिंग की जा रही है। भारत सरकार पहले से ही आतंकी संगठन घोषित कर चुकी है।

अभी हाल ही में मणिपुर में कुछ दिन पहले दो अंडर ग्रांउड संगठनों मणिपुर नागा रिवोल्यूशनरी फ्रंट और यूनाइटेड नागा पीपुल्स काउंसिल ने मिलकर मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट बना है। इस विलय का संयुक्त बयान भी दोनों ने सोशल मीडिया पर जारी किया था। इस संगठन का मकसद भी मणिपुर को अलग राज्य बनाना है।

गौरतलब है कि मणिपुर में शनिवार को सेना के काफिले पर घात लगाकर उग्रवादी हमला किया गया था। इस हमले में असम राइफल्स के एक कर्नल समेत 5 अन्य जवान मारे गए हैं। वहीं, 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पत्नी अनुजा शुक्ला (37) और बेटे आशीष त्रिपाठी (5) की भी इस हमले में मौत हो गई। और यह हमले को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सिंघट में अंजाम दिया गया। इस हमले में IED का इस्तेमाल किया गया है और अब इस हमले की जिम्मेदारी उग्रवादी संगठन मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट और PLA ने लिया है।

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