स्पेशल रिपोर्ट

सेना के ईस्टर्न फ्रंट के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडेय ने लद्दाख बार्डर पर दुश्मन से जारी तनाव पर किया बड़ा खुलासा, चीनी सेना हर साल करती है ट्रेनिंग, फिर भी हम पूरी तैयारी में है और स्तिथि पर हमारी नजर बनी हुई है – चंद्रकांत मिश्र/सतीश उपाध्याय

नई दिल्ली। भारतीय सेना के ईस्टर्न फ्रंट के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडेय ने लद्दाख बार्डर पर चीनी सेना की हरकतों का खुलासा करते हुए कहा कि चीनी सेना जो वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास करती है,उसकी गतिविधियों के स्तर में कुछ वृद्धि हुई है, लेकिन वह गहन क्षेत्रों में है। दोनों पक्ष LAC के करीब बुनियादी ढांचे को विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं और इससे कभी-कभी समस्या उत्पन्न हो जाती है।

बताते चले कि भारतीय सेना के पूर्वी फ्रंट के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने LAC पर चल रही चीन के साथ गतिरोध पर बड़ा खुलासा करते हुए मंगलवार को बताया कि चीनी सेना जो वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास करती है,उसकी गतिविधियों के स्तर में कुछ वृद्धि हुई है,लेकिन वह गहन क्षेत्रों में है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष एलएसी के करीब बुनियादी ढांचे को विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं और इससे कभी-कभी समस्या उत्पन्न हो जाती है।

इसी क्रम में उन्होंनें आगे बताया कि चिंता करने की बात नहीं है हमने एलएसी के साथ-साथ गहन क्षेत्रों में भी अपनी निगरानी बढ़ा दी है। आने वाली किसी भी आकस्मिकता से निपटने के लिए हमारे पास प्रत्येक क्षेत्र में पर्याप्त मिलीट्री फोर्स उपलब्ध है। बार्डर पर पेट्रोलिंग पैटर्न न तो बढ़ा है और न ही ज्यादा बदला है,कुछ क्षेत्रों में मामूली वृद्धि हुई है।

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने आगे भी कहा कि किसी भी खतरे से निपटने के लिए हमने निगरानी ड्रोन औ यूएवी को शामिल किया हुआ है। इसके अलावा बेहतर निगरानी रडार और संचार प्रणाली जिसके पास उच्च गुणवत्ता वाली रात्रि दृष्टि क्षमता है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का परिचय हमारे प्रमुख क्षेत्रों में से एक रहा है और इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि इसी साल एक जून को सेना के ईस्टर्न कमांड के आर्मी कमांडर का पद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडेय ने संभाला है और इसी बीच लद्दाख सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय वायुसेना के प्रमुख वी आर चौधरी ने भी रविवार को इलाके का दौरा किया था। लद्दाख पहुंचकर वायुसेना प्रमुख ने तैयारियों का जायजा लिया और एयरबेस पर मौजूद अधिकारियों के साथ बातचीत की थी। वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी के दौरे से दो हफ्ते पहले ही भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने भी लद्दाख का दौरा किया था,और स्तिथि का जायजा भी लिया था।

देश के दोनों सेनाओं के प्रमुखों का लद्दाख का दौरे का आशय था जो कि दुश्मन को स्पष्ट संदेश था कि सेना का आम सिपाही हो अथवा चीफ सब एकजुट है और जरूरत पड़ने पर दुश्मन के किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए दुश्मन पर टूट पड़ेंगें।

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