एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

पहली बार रूसी पनडुब्बी से यूक्रेन के कई मिलीट्री बेस को किया गया टारगेट, दागी गई कैलिबर क्रूज मिसाइलें, 9 मई तक टास्क पूरा करने के दबाव में इस आॅपरेशन को दिया गया अंजाम – सतीश उपाध्याय/अमरनाथ यादव


सांकेतिक तस्वीर।

मॉस्को/कीव। रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण लड़ाई जैसे-जैसे 9 मई के पास पहुंच रही है रुसी फौज पर भारी दबाव बढ़ता ही जा रहा है,चूंकि 9 मई को रूस अपना विजय दिवस मनाता है तो ऐसे में इस बात की चर्चा आम है कि क्रेमलिन 9 मई से पहले इस युद्ध को जीतकर लड़ाई खत्म करना चाहता है। लेकिन परिस्थितियां अभी भी रूस के पक्ष में नहीं दिख रही है। इस दौरान जंग की रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए रूस ने इस युद्ध में अब पहली बार पनडुब्बी का इस्तेमाल किया है। जानकारी के मुताबिक रूस ने ब्लैक-सी में तैनात पनडुब्बी के जरिए यूक्रेन को टारगेट किया है।

बताया जा रहा है कि ब्लैक-सी में तैनात रूस की एक डीजल पनडुब्बी के जरिए यूक्रेन के कई सैन्य ठिकानों पर कैलिबर क्रूज मिसाइल से फायर किया गया है। बता दें कि अब तक 66 दिनों से जारी इस युद्ध में यह पहली बार देखने को मिला है कि जब रूस पनडुब्बी के जरिए मिसाइल हमला किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से यह दावा सामने आया है कि इस हमले का वीडियो रूसी रक्षा मंत्रालय ने जारी किया है, जहां वीडियो में दिख रहा है कि समुद्र से एक मिसाइल दागी जा रही है। इस दौरान रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर से दावा किया गया है कि उन्होंने यूक्रेन के सैन्य अड्डों को निशाना बनाया है। बता दें कि इससे पहले रूस ने पनडुब्बी में कैलिबर मिसाइल को लोड किया था,जिसकी तस्वीरें भी सामने आई थी।

रूस के इस हरकत के बारें में कहा जा रहा है कि कैलिबर क्रूज मिसाइल को डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी वेलिकि नोवगोरोड पर लोड किया गया था। पनडुब्बी में मिसाइल की लोडिंग काला सागर में कई दिनों पहले की गई है। कैलिबर मिसाइल न्यूक्लियर वारहेड ले जाने की क्षमता रखने वाली मिसाइल है। जिसके बाद न्यूक्लियर वार का खतरा बढ़ गया है। सीरिया के विद्रोहियों के खिलाफ आखिरी बार 2014 में रूस ने इस मिसाइल का इस्तेमाल किया था।

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