इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

भारत में दुश्मन ने नफरत फैलाने की रची बड़ी साजिश, दिल्ली पुलिस की जांच में आई सामने रिपोर्ट, ट्वीटर के माध्यम से समुदाय विशेष को किया जा रहा टारगेट, इस पूरे ऑपरेशन को लीड कर रही दुश्मन ऐजेंसी – चंद्रकांत मिश्र/सतीश उपाध्याय


सांकेतिक तस्वीर।

इस्लामाबाद/नई दिल्ली। दुश्मन की खुफिया ऐजेंसी द्वारा भारत के खिलाफ एक बार फिर बड़ी साजिश रचने की रिपोर्ट सामने आई है,जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया ऐजेंसी ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया का सहारा ले रही है। दिल्ली पुलिस के हवाले से रविवार को कहा गया कि पाकिस्तान स्थित ट्विटर हैंडल देशभर में सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का अभियान चला रहा है। इस क्रम में दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि देश के नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी भ्रामक सूचनाओं पर बिल्कुल भी भरोसा न करें।

रविवार को दिल्ली पुलिस द्वारा बताया गया कि “46 ट्विटर अकाउंट हैंडल संज्ञान में आया है,और यह तब जानकारी में आया जब वॉयसओवर के साथ एक वीडियो को शेयर किया गया था जिसमें भारतीय सेना में समुदाय विरोधी एंगल से बदलाव की बात की गई थी।’ जहां जांच में खुलासा हुआ कि ये ट्विटर हैंडल पाकिस्तान से संचालित हो रहे थे। इस खुलासे के बाद यह साफ हो गया कि दुश्मन की ऐजेंसी एक खास मिशन के तहत भारत में सांप्रदायिक नकारात्मकता फैलाने के लिए एक अभियान चला रही है। इसलिए दिल्ली पुलिस की तरफ से भारतीय नागरिकों को सलाह दिया गया कि वे ऐसे ट्विटर हैंडल पर भरोसा न करें जो सरकार की पॉलिसी पर चर्चा करने वाले हों।

हालांकि,दिल्ली पुलिस द्वारा इन फेक ट्विटर हैंडल को ब्लॉक करने की मुहिम शुरू कर दी गयी है,लेकिन जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है और भी कई लिंक सामने आ रहे हैं। जहां पर यह बिलकुल साफ हो गया कि भारत में गलत सूचना फैलाने के लिए दुश्मन की तरफ से ऐसे कई अभियान चलाए जा रहे हैं। और यह केवल दो समुदाओं के बीच असंतोष पैदा करने के लिए शुरू किया गया है।

जांच में कुछ ऐसे भी ट्विटर हैंडल सामने आए है कि जिनके जरिए फर्जी या मॉर्फ्ड वीडियो भी शेयर किए जा चुके हैं। इस दौरान जो भी वीडियो शेयर किये गये थे वह सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद 9 दिसंबर 2021 को हुई कैबिनेट कमेटी की बैठक का था। आधिकारिक बयान के मुताबिक नफरत और संप्रदाय को भड़काने के इरादे से वीडियो को मॉर्फ किया गया और उसमें एक नया वॉयस ओवर डालकर शेयर कर दिया गया था। इस वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर ऐसा प्रस्तुत किया गया था कि यह बैठक सिख समुदाय के खिलाफ हो रही है।

इस दौरान यह भी बताया गया कि दुश्मन द्वारा संचालित ये ट्विटर एकाउंट अक्टूबर 2021 से दिसंबर 2021 के बीच बनाए गए थे। जब इनकी जांच की गई तो पता चला कि ये पाकिस्तान से सिंगल ब्राउजर के जरिए संचालित किए जा रहे थे। इस पूरे ऑपरेशन को दुश्मन ऐजेंसी ISI आॅपरेट कर रही है,फिलहाल दिल्ली पुलिस अपनी कार्यवाही शुरू कर चुकी है।

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