स्पेशल रिपोर्ट

सऊदी अरब के इंसपेक्टर जनरल नसीर बने इंटरपोल पुलिस के चीफ, वहीं भारत के CBI के स्पेशल डायरेक्टर प्रवीण बने एगजीक्यूटीव कमेटी के मेंबर, भारत के लिए बड़ी उपलब्धि, चूंकि चीन भी था लाईन में – विजयशंकर दूबे (एडिटर इन क्राईम)


सांकेतिक तस्वीर

कुवैत। गुरुवार को तुर्की के इस्तांबुल में हुई इंटरपोल पुलिस फोर्स के 140 सदस्य देशों की मीटिंग में सऊदी अरब के नसीर को इंटरपोल का बतौर चीफ चुन लिया गया। उन्होंने चेक रिपब्लिक के कर्नल सैकरा हर्वेनकोवा को हराया।

इसी क्रम में भारत की सबसे बड़ी ऐजेंसी CBI के स्पेशल डायरेक्टर प्रवीण सिन्हा को इंटरपोल में एग्जीक्यूटिव कमेटी (एशिया) में शामिल किया गया हैं। बताया जा रहा है कि सिन्हा का सलेक्शन भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी है, क्योंकि इस रेस में चीन,सिंगापुर,जॉर्डन और साउथ कोरिया के भी अफसर शामिल थे। भारत के सभी मित्र देशों ने सिन्हा का समर्थन किया। तुर्की में भारत के राजनयिक लगातार सिन्हा के लिए प्रयासरत रहे।

बताते चले कि डॉक्टर अहमद नसीर अल रईसी फिलहाल यूएई की होम मिनिस्ट्री में इंस्पेक्टर जनरल के पद पर कार्यरत हैं,जहां उन्हें सख्त अधिकारी के तौर पर माना जाता है,वो सऊदी के खुफिया ऐजेंसी में भी रह चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि इंटरपोल 1920 में स्थापित किया गया था। यह पहला मौका है जब मध्यपूर्व देशों से कोई अफसर इंटरपोल का चीफ बना है।

यहां यह भी साफ किया जा रहा है कि इंटरपोल के संपर्क में सदस्य देशों की एजेंसियां जो कई मिशन को अंजाम देती हैं, इनके सहयोग से ही मानव तस्करी, ग्लोबल ड्रग्स रैकेट और आर्थिक अपराधों पर कार्रवाई की जाती है। हाल ही में अबुधाबी में इंटरपोल ने मानव तस्करी से जुड़े 286 अपराधियों को गिरफ्तार किया था।

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