एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

काबुल में एक बार फिर गुरूद्वारें में घुसे हथियार बंद लोग, खुद को तालिबानी अधिकारी बताया, निजी सुरक्षाकर्मियों से की हाथापाई और जान से मारने की भी दी धमकी – अमरनाथ यादव (डिप्टी एडिटर)

काबुल। अफगानिस्तान के काबुल से रिपोर्ट आ रही है कि शुक्रवार को हथियारों से लैस कुछ कथित तालिबानी अधिकारी काबुल में एक गुरूद्वारें परिसर की तलाशी ली फिर वहां चलने वाले स्कूल में भी वे लोग गए,जब निजी सुरक्षा गार्डों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उनके साथ धक्कामुक्की करते हुए इन सुरक्षाकर्मियों को जान से मारने की धमकी भी दिये।
Peace talks resumed after killing of 350 Taliban militants in Panjshir
 
बताते चले कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के कारते परवान इलाके में स्थित गुरुद्वारा दशमेश में तालिबान की विशेष इकाई के भारी हथियारों से लैस कुछ कथित अधिकारी शुक्रवार को जबरन घुस गए। उन्होंने वहां मौजूद सिख समुदाय के लोगों को धमकाया और धर्मस्थल की पवित्रता को भंग किया फिर गुरुद्वारा द्वारा संचालित विद्यालय में भी गये जहां उन्हें निजी सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोकने कोशिश की गई तो ये कथित तालिबानी अधिकारियों ने इन सुरक्षाकर्मियों के साथ हाथापाई भी किये और इन्हें जान से मारने की धमकी भी दिये।

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प्राप्त जानकारी के मुताबिक काबुल में इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस्लामिक अमीरात सरकार की विशेष इकाई के ये कथित अधिकारीगण पूर्व सांसद नरिंदर सिंह खालसा के पूर्ववर्ती निवास व दफ्तर की भी तलाशी ली। यह उक्त गुरुद्वारे के समीप ही स्थित है। चंडोक ने बताया कि तलाशी के वक्त गुरुद्वारे में करीब 10 सिख मौजूद थे।

Taliban gave a tremendous blow to Pakista

इस घटना क्रम में चंडोक ने मांग की है कि भारत सरकार इस मामले को तत्काल अफगानिस्तान के उच्चाधिकारियों के समक्ष उठाए और वहां रह रहे हिंदुओं व सिखों की सुरक्षा को लेकर चिंता प्रकट करे। उन्होंने आगे भी कहा कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को यूएन चार्टर का पालन करना चाहिए।

Taliban enraged by US drone operation

उल्लेखनीय है कि अभी बीते कुछ पखवारे पहले भी काबुल में ही एक गुरूद्वारें में कुछ इस तरह के हथियार बंद लोग घुस आयें थे और यहां तोड़फोड़ भी किये थे और यहां मौजूद निजी सुरक्षाकर्मियों के साथ हाथापाई भी किये थे जहां पर बाद में शिकायत के कुछ दिन बाद वे तमाम लोग गिरफ्तार किये गये थे जिसकी सार्वजनिक सूचना खुद तालिबानी प्रवक्ता ने दिया था। आज इस घटना की फिर पुनरावृत्ति हुई है, अब इस घटना को कारित करने के पीछे क्या लाजिक हो सकता है ? फिलहाल यह जांच का विषय है लेकिन एक बात समझ से परे है कि गुरूद्वारों को आखिर क्यों बार-बार टारगेट किया जा रहा है ?

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