इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

खूंखार आतंकी संगठन IS के टारगेट पर अब सनातन धर्म, भगवान शिव की खंडित मूर्ति को अपने मैगजीन में किया प्रकाशित,ऐलान भी किया, झूठे भगवानों को खत्म करने का समय आ चुका, भारतीय ऐजेंसियां हुई सतर्क – हेमंत सिंह (स्पेशल एडिटर)


NSA अजित डोभाल (फाईल फोटो)

दमिश्क/नई दिल्ली। खूंखार आतंकी संगठन ISIS जो कि अभी तक शिया मुस्लिम समुदाय को टारगेट किया करता था मसलन अभी हाल ही में शिया समुदाय पर कई आत्मघाती हमले किये जिसमें हजारों शिया मारे गए, लेकिन अब इस आतंकी संगठन ने अपना ट्रेन्ड बदल दिया है,अब सनातन धर्म टारगेट पर है,इस संगठन का’इंडिया-सेंट्रिक ऑनलाइन प्रोपेगेंडा’ नाम की मैग्जीन में भगवान शिव की एक मूर्ति की फोटो लगाई है,जिसका सिर गायब है। यह मूर्ति कर्नाटक में उत्तर कन्नड़ जिले के मुरुदेश्वर शहर के समुद्र तट पर स्थित 123 फीट ऊंची प्रसिद्ध शिव प्रतिमा जैसी मालूम पड़ती है। यह एक बेहद प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। इस तस्वीर को लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।

एक न्यूज एजेंसी के हवाले से रिपोर्ट सामने आई है जिसके मुताबिक शेयर की गई इस फोटो ने कर्नाटक में सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील तटीय जिले उत्तर कन्नड़ में तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है। इस आतंकवादी संगठन की ऑनलाइन प्रोपेगेंडा मैग्जीन ‘द वॉयस ऑफ हिंद’ के फ्रंट कवर पर एक सिर कटी हुई शिव प्रतिमा की तस्वीर लगाई गई है। इसमें यह भी दिखाया गया है कि सिर की जगह ISIS का झंडा लगा हुआ है। पत्रिका में फोटो के नीचे लिखा है, ‘झूठे भगवानों को खत्म करने का समय आ चुका है।’

फिलहाल,आतंकी संगठन के द्वारा भगवान शिव की इस तरह की फोटो के प्रकाशन से हिंदू संगठनों में बेहद आक्रोश है। स्थिति को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने मुरुदेश्वर मंदिर की सुरक्षा कड़ी कर दी है। मुरुदेश्वर तटीय शहर भटकल शहर के बहुत करीब स्थित है,जिसकी कि भारतीय खुफिया ऐजेंसियां लगातार निगरानी कर रही है।

बताते चले कि आईएसआईएस के टारगेट पर हिंदू समुदाय ही नहीं बल्कि शिया समुदाय भी हैं। चूंकि अभी हाल ही में इस आतंकवादी संगठन ने धमकी दी थी कि पूरी दुनिया के शिया मुस्लिमों को निशाना बनाएगा। इस्लामिक स्टेट ने शिया मुस्लिमों को ‘खतरनाक’ कहा था। यह चेतावनी आईएस के साप्ताहिक अखबार Al-Naba में प्रकाशित की गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि शिया मुस्लिमों को उनके घरों और केंद्रों पर भी हमला किया जायेगा।
अब IS के इस नये कारनामें से एक नये बहस का जन्म हो चुका है,और देश की सभी ऐजेंसियां बहुत सतर्कता के साथ एनालिसिस कर रही है ताकि आने वाले समय में संगठन की तरफ से बढ़ती चुनौतियों का सामना कर सकें।

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