सांकेतिक तस्वीर
इस्लामाबाद/वाशिंगटन। दुनिया के हर देश अपने दुश्मन देश को ताकतवर होने से पूरी ताकत से रोकने की कोशिश करते हैं,लेकिन एक हम हैं कि हमारा दुश्मन दिन ब दिन मजबूत होते जा रहा है और हम खामोशी से तमाशबीन बने हुए हैं, यही हमारी डिफेंस पॉलिसी है। पाकिस्तान को चीन परमाणु बम और मिसाइलें बनाने में मदद कर रहा है, जिसकी रिपोर्ट सामने आने के बाद अमेरिका ने बुधवार को चीन की दर्जनों कंपनियों को व्यापार की काली सूची में डाल दिया है। अमेरिका ने इसके पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया है। यही नहीं प्रतिबंधित कंपनियां चीन की सेना पीएलए को क्वांटम कंप्यूटिंग के प्रयासों में भी मदद कर रही थीं।
अमेरिका यही नहीं रूका चीन और पाकिस्तान के 16 संगठनों को भी काली सूची में डाल दिया है। इन पर पाकिस्तान के परमाणु गतिविधियों या मिसाइल कार्यक्रम में योगदान का आरोप है। चीन, जापान, पाकिस्तान और सिंगापुर के कुल 27 नए संगठनों को काली सूची में डाला गया है। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री गिना रैमोंडो ने अपने एक बयान में कहा कि इस कदम से अमेरिकी तकनीक की मदद से पाकिस्तान के असुरक्षित परमाणु कार्यक्रम या मिसाइल कार्यक्रम पर रोक लगेगी।
इन प्रतिबंधों के बाद अब आपूर्तिकर्ताओं को इन कंपनियों को कोई भी सामान बेचने से पहले अमेरिका सरकार से अनुमति लेनी होगी। जो कि अब यह अनुमति नहीं मिलेगी। बताते चले कि चीन भारत के खिलाफ जंग के लिए लगातार पाकिस्तानी सेना को आधुनिक हथियारों की आपूर्ति कर रहा है।
गौरतलब है कि अभी हाल ही में भारतीय वायुसेना में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के शामिल होने से पहले पाकिस्तान की सेना ने चीन निर्मित HQ-9/P HIMADS एयर डिफेंस सिस्टम को अपनी सेना में शामिल किया था। पाकिस्तान का दावा है कि चीनी एयर डिफेंस सिस्टम लंबी दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है जो 100 किमी तक फाइटर जेट, क्रूज मिसाइलों और अन्य हथियारों को एक वार से तबाह करने में सक्षम है।