कीव/मॉस्को। यूक्रेन पिछले एक महीने से दुश्मन का मुकाबला करते हुए अभी भी मैदान-ए-जंग में डटा हुआ है,इस दौरान कई फ्रंट पर रूस को जबरदस्त काउंटर अटैक के जरिए यूक्रेन भारी नुकसान पहुंचा रहा है। लेकिन अब यूक्रेन का आत्मविश्वास डगमगाता दिख रहा है,वजह साफ है लड़ाई के लिए यूक्रेन को भारी मात्रा में सैन्य संसाधनों की आपूर्ति तत्काल चाहिए पर अफसोस अमेरिका समेत नाटों देश आवश्यकतानुसार आपूर्ति करने में कोताही बरत रहे हैं। यही वजह है जो राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने सैन्य मदद में देरी को लेकर नाटों देशों की आलोचना कर रहे है,जेलेंशकी ने कहा कि पश्चिमी देशों को यूक्रेनी सैनिकों के साहस का एक फीसदी भी हिम्मत दिखानी चाहिए,इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि नाटों देश रूस की धमकियों से डरे हुए हैं। बता दें कि जेलेंसकी नाटों देशों से और भी अधिक मात्रा में टैंक,लड़ाकू विमान और मिसाइलों की मांग कर रहे हैं।
बताते चले कि सैन्य संसाधनों से संबंधित आपूर्ति को लेकर जेलेंस्की ने खुलेआम नाराजगी जताते हुए कहा कि पश्चिमी देशों को यूक्रेन को जल्द से जल्द हथियार सौंपने चाहिए जो उनके भंडार में पड़े-पड़े धूल से गंदे हो रहे हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि यूक्रेन को नाटों के केवल एक प्रतिशत विमान और उसके एक प्रतिशत टैंक की आवश्यकता है,जबकि नाटों देशों ने अभी तक यूक्रेन को एंटी टैंक और एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों के साथ-साथ छोटे हथियार और सुरक्षात्मक उपकरण हीं दिए हैं,हालांकि,इन देशों ने यूक्रेन को कोई भारी हथियार या विमानों की पेशकश नहीं की है।
जेलेंसकी ने यह भी कहा कि पश्चिमी देश यूक्रेन को विमान और अन्य रक्षा उपकरण प्रदान करने के मामले में टालमटोल कर रहे हैं,जबकि इस टाल मटोल की कीमत यूक्रेन के आम नागरिक रूसी हमलों में अपनी जान गंवा कर चुका रहे हैं। इसी कड़ी में जेलेंस्की ने यूक्रेन के मारियुपोल शहर की घेराबंदी की ओर इशारा करते हुए शनिवार तड़के एक वीडियो संबोधन में कहा कि मैंने आज मारियुपोल के रक्षकों के बात की,मैं लगातार उनके संपर्क में हूं,उनका संकल्प,वीरता और दृढ़ता अचंभित करने वाली है। जो चंद विमान और टैंक प्रदान करने के बारे में 31 दिन से सोच रहे हैं,उनमें उनका केवल एक प्रतिशत साहस है
बताते चले कि यूक्रेन पर रूस पिछले 32 दिनों से लगातार हमला जारी रखा हुआ है,हालांकि अब कई क्षेत्रों में रूस ने हमले रोक दिये हैं,अब ऐसा लग रहा है कि रूसी सेना जल्द से जल्द राजधानी कीव की घेराबंदी करने में जुट गई है ,हालांकि इस दौरान उसे यूक्रेन की तरफ से जबरदस्त प्रतिरोध का सामना कर पड़ रहा है। यूक्रेन की सेना भी अमेरिका और पश्चिमी देशों की सहायता से रूसी सेना का मजबूती से सामना कर रही है। हालांकि पश्चिमी देशों की ओर से यूक्रेन को दी जा रही सैन्य मदद में लड़ाकू विमान शामिल नहीं है। अमेरिका के जरिये यूक्रेन को पोलैंड के विमान भेजने के प्रस्ताव को नाटों की चिंताओं के चलते खारिज कर दिया गया है।
एक बात तो साफ हो गई है कि अमेरिका और नाटों जितना दावा कर रहे हैं उतनी मदद यूक्रेन की नहीं कर रहे हैं, जिसका वजह साफ है कि रूस का डर है,लेकिन मानना पड़ेगा यूक्रेन के उन रणबांकुरों को जो सभी विपरीत परिस्थितियों को झेलते हुए भी आज 32 दिनों से दुश्मन को कई फ्रंट पर जबरदस्त जवाब दे रहे हैं।