रूसी फौज का काफिला (फाईल फोटो)
हेलसिंकी/मॉस्को/कीव। रूस-यूक्रेन जंग अभी शांत नहीं हुआ कि इसी बीच अब रूस के सामने दूसरा फ्रंट खुलने जा रहा है,बता दे कि रुस अपने उत्तरी पड़ोसी देश को नाटों में शामिल होने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कुछ घंटों बाद ही मिसाइल प्रणाली सहित भारी रूसी हथियारों को फिनलैंड के साथ लगती सीमा की ओर भेज दिया है।
बताया जा रहा है कि रूस की तरफ से घातक हथियारों की तैनाती ऐसे समय में हुई है,जब फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी सरकार नाटों सदस्यता के लिए आवेदन करने पर चर्चा मध्य ग्रीष्मकाल से पहले समाप्त कर देगी।
वहीं,मारिन के बयान के जवाब में क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने चेतावनी दी कि इस कदम से यूरोप की सुरक्षा स्थिति में सुधार नहीं होगा,उधर रूसी सांसद व्लादिमीर दजबारोव ने भी और भी अधिक स्पष्ट रूप से कहा कि इसका मतलब ‘देश का विनाश’ होगा।
दरअसल,क्रेमलिन प्रवक्ता पेसकोव ने साफ चेतावनी देते हुए कहा है कि ‘हमने बार-बार कहा है कि गठबंधन टकराव की दिशा में एक उपकरण बना हुआ है और इसके आगे के विस्तार से यूरोपीय महाद्वीप में स्थिरता नहीं आएगी।’ चूंकि कुछ दिनों पहले फिनलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर स्टब ने कहा था कि आने वाले कुछ सप्ताह में उनका देश नाटों में शामिल होने के लिए एक औपचारिक आवेदन दे सकता है। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि स्वीडन और फिनलैंड इस साल गर्मियों तक नाटो में शामिल हो सकते हैं।
गौरतलब है कि यूक्रेन को नाटों में शामिल होने से रोकने के लिए हीं रूस पिछले 47 दिनों से यूक्रेन में भीषण तबाही मचाया हुआ है,हालांकि इस दौरान रुस को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन फिर भी रूस मैदान ए जंग में डंटा हुआ है,लेकिन यदि रूस को फिनलैंड और स्वीडन में उलझना पड़ा तो चारो तरफ सिर्फ तबाही ही तबाही का आलम होगा,अब भविष्य क्या होगा ? यह तो आने वाला वक्त हीं बता सकता है।