इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

बड़ी तफ्तीश रिपोर्ट, दुश्मन पाकिस्तान ने कहां-कहां छिपाकर रखा है अपने “परमाणु बमों” को ? – चंद्रकांत मिश्र/राकेश पांडेय


पाकिस्तानी फाइटेर जेट (फाईल फोटो)

इस्लामाबाद/वाशिंगटन। देश का दुश्मन पाकिस्तान ने वर्ष 1998 में बलूचिस्तान की चगाई हिल्स के इलाके में एटम बम के परीक्षण का दावा किया था। इसके बाद वह अक्सर भारत पर परमाणु हमलें की धमकी देता रहता है।

बताते चले कि अमेरिकी संस्था FAS यानी “फैडरेशन आॅफ अमेरिकन साइंसटिस्ट” ने वर्ष 2016 में पाकिस्तान के परमाणु बमों पर एक रिपोर्ट सार्वजनिक किया था जिसमें दावा किया गया था कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु बमों को कहां-कहां छिपाकर रखा है ?

रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान के पास इस समय कुल 140 परमाणु बम है जो कि आने वाले वर्ष 2025 तक इसकी संख्या 250 हो जायेगी।

इस रिपोर्ट में सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों के हवाले से दावा किया गया है कि पाकिस्तान के 20 ऐसे सैन्य बेस हैं, जहां परमाणु बम छुपाकर रखे गये हैं। इनमें 6 मिसाइल बेस हैं, जबकि 4 बड़े एयरबेस भी शामिल हैं, जहां F-16 और मिराज विमान तैनात हैं लेकिन इनमें 9 ठिकाने ऐसे हैं जहां परमाणु बम होने की बात पुख़्ता हो सकती है। इनमें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 4 बेस हैं, सिंध सूबे में 3 अड्डे हैं, जबकि बलोचिस्तान और ख़ैबर पख़्तुनख्वा में एक-एक बेस हैं।

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुजरांवाला आर्मी बेस में पाकिस्तान की नस्र मिसाइल तैनात है जिसकी रेंज 70 किलोमीटर है। पाकिस्तान ने ये मिसाइल भारत पर हमला करने के लिये बनाई हैं। ये छोटे दायरे में दुश्मन पर परमाणु हमला करने वाली नीति का हिस्सा है।

पाकिस्तान ने 2014 के बाद से गुजरांवाला आर्मी बेस पर नस्र मिसाइल को तैनात कर दिया था। यह पंजाब मोर्चे पर सबसे बड़ी चुनौती होगी लेकिन गुजरांवाला अकेला ऐसा बेस नहीं है जहां पाकिस्तान की परमाणु ताक़त तैनात है। दक्षिण में आकरो आर्मी बेस सिंध सूबे में पाकिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण बेस है। ये बेस पूरे सिंध प्रांत को कवर करता है।

यहां अंडरग्राउंड फैसिलिटी शाहीन और ग़ौरी जैसी लंबी दूरी की मिसाइलों को छुपाने के लिये बनाई गई है। सिंध सूबे में ही पाकिस्तानी सेना का एक और बेस पानो अकिल है। पानो अकिल में एक हवाई पट्टी भी है, हथियारों का डिपो और शूटिंग रेंज भी है।

बलोचिस्तान में खुज़दार आर्मी बेस है, सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि यहां मौजूद लॉन्चर शाहीन-2 मिसाइल के हैं, जिसकी रेंज क़रीब 2000 किलोमीटर है। यहां भी आरको सैन्य बेस की तरह अंडरग्राउंड ठिकाने हैं। खुज़दार को पाकिस्तान का सबसे ख़ुफ़िया सैन्य अड्डा माना जाता है।

मिराज-5 लड़ाकूं विमान दक्षिण में पाकिस्तानी एयरबेस मसरूर एयरबेस पर तैनात हैं,जो कि परमाणु हमला करने में सक्षम है। और ये हवाई अड्डा कराची शहर के पश्चिम में बना हुआ है। मसरूर एयरबेस पर दो हवाई पट्टी हैं लेकिन इसके आसपास बने ठिकाने बताती हैं कि ये आम हवाई अड्डा नहीं है। मसरूर एयरबेस पर तैनात पाकिस्तान के मिराज-5 विमान चार दशक पुराने हैं लेकिन अब इस विमान को परमाणु हमले के लिये अपग्रेड किया गया है। अब इससे राद क्रूज़ मिसाइल भी लॉन्च हो सकती हैं। जिसकी रेंज 350 किलोमीटर है। मसरूर एयरबेस में अंडरग्राउंड रास्ते बनाये गये हैं ताकि सैटेलाइट की नज़र से बचकर विमान को राद क्रूज़ मिसाइल से लैस किया जा सके। वहीं सरगोधा में बना ये हवाई अड्डा पाकिस्तान का सबसे सीक्रेट एयरबेस माना जाता है। मुशाफ़ एयरबेस पर विमानों और हथियारों को छुपाने के लिये ऐसे शेल्टर बनाये गये हैं जो भारी बमबारी को झेल सकते हैं।

ये एयरबेस मुख्यालय भी है। यहां पाकिस्तान के सबसे भरोसेमंद लड़ाकू विमान F-16 तैनात हैं, जो परमाणु बम से भी हमला कर सकते हैं। हालांकि 80 के दशक में अमेरिका ने पाकिस्तान को F-16 विमान बेचे थे तो ये शर्त रखी गई थी कि ये कभी परमाणु हमले के लिये इस्तेमाल नहीं किये जाएंगे लेकिन पाकिस्तान ने अपने ज़्यादातर F-16 विमानों को अब एटमी हमले लायक़ बना लिया है। आज पाकिस्तान की वायु सेना के पास क़रीब 75 F-16 हैं। इनकी चार स्क्वाड्रन तीन एयरबेस पर तैनात हैं।

सरगोधा को हमेशा पाकिस्तानी वायु सेना का मजबूत क़िला माना गया है। बता दें कि वर्ष 1965 के युद्ध में भारतीय वायु सेना जब सरगोधा पर हमला किया था तब पाकिस्तान ने अपने विमान यहां से हटा लिये थे। मुशाफ़ एयरबेस से 10 किलोमीटर दूर है सरगोधा आर्मी बेस भी है,और यहां मिसाइलों को रखने का एक बड़ा डिपो भी है, वहीं एक अन्य जानकारी के अनुसार 90 के दशक में जब पाकिस्तान ने चीन से M-11 मिसाइल ली थीं, तब उन्हें सरगोधा में हीं रखा गया था।

अब यहां अंडरग्राउंड ठिकानों के साथ सुरंगें भी बनाई गई है। जिनमें ग़ौरी और शाहीन-2 जैसी बड़ी मिसाइल भी रखी गई है। इसके अलावा पाकिस्तान के दो और एयरबेस हैं जहां परमाणु बम रखे जाने की संभावना है क्योंकि वहां से F-16 और मिराज-5 विमान ऑपरेट करते हैं। एक है पंजाब प्रांत का रफ़ीक़ी एयरबेस और दूसरा है सिंध सूबे का शाहबाज़ एयरबेस। इन दोनों एयरबेस को 2015 के बाद अपग्रेड किया गया है ताकि यहां से F-16 और मिराज-5 को परमाणु बम से लैस किया जा सके। पाकिस्तान परमाणु हमले के लिये विमानों से ज़्यादा अपनी मिसाइलों पर भरोसा करता है। इसी वजह से अब नये विमान ख़रीदने की जगह उसने मिसाइल उत्पादन तेज़ कर दिया है।

पाकिस्तान में इस्लामाबाद के पास संवेदनशील जगह है फ़तेह जंग। यहां पाकिस्तान का नेशनल डेवलपमेंट कांपलेक्स बना हुआ है जिसे डिफेंस कांपलेक्स के नाम से भी जाना जाता है। काला चिट्टा के पहाड़ों के पास बने इस कांपलेक्स में 90 के दशक से ग़ज़नवी और शाहीन मिसाइल बनाई जा रही हैं। अब यहां बाबर क्रूज़ मिसाइल और शाहीन-2 मिसाइल भी बनाई जाती हैं, क्योंकि उनके लॉन्चर यहां देखे गये हैं।

पाकिस्तान के इस पूरे सीक्रेट डिफेंस सिस्टम को जब अमेरिकी संस्था FAS ने सार्वजनिक किया तो पाकिस्तानी सेना हैरान थी कि उसके सीक्रेट को इतने बारीकी से खुलासा कर दिया गया और पाकिस्तानी ऐजेंसियों को भनक तक नहीं लगी।

गौरतलब है कि अमेरिका की यह संस्था पिछले 40 सालों से दुनिया के सभी देशों की डिफेंस सिस्टम, परमाणु हथियार और अन्य घातक हथियारों की पूरी रिपोर्ट तैयार करती रही है और समय-समय पर इन रिपोर्ट्स को सार्वजनिक भी करती रही है।

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