इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

ब्रिटिश खुफिया ऐजेंसी MI-6 ने चीन की एक महिला सीक्रेट ऐजेंट को किया एक्सपोज,जारी किया चेतावनी, बताया कई राजनेताओं के साथ कई बड़ी हस्तियों को भी पैसे और हुस्न के जाल में फंसाकर अपने सीक्रेट मिशन को दे रही अंजाम- चंद्रकांत मिश्र/हेमंत सिंह


गोल घेरे में चीनी जासूस।

वाशिंगटन/लंदन। चीनी खुफिया ऐजेंसी की एक सीक्रेट चीनी महिला ऐजेंट को ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई-5 ने डिटेक्ट कर लिया है,जिसको लेकर ब्रिटिश ऐजेंसी ने ब्रिटिश सांसदों को चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में ऐजेंसी ने साफ किया है कि ब्रिटेन की लेबर पार्टी को चंदा देने वाली एक महिला चीन की खुफिया ऐजेंसी की सीक्रेट ऐजेंट है,MI-6 ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि इस महिला का ब्रिटेन के एक पूर्व सांसद से भी नजदीकी संबंध है। बताया जा रहा है कि क्रिस्टीन ली नाम की एक चीनी महिला इस समय ब्रिटिश ऐजेंसियों की पूरी निगरानी में है।

MI-6 ने कहा है कि इस चीनी महिला ऐजेंट को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है। ब्रिटिश संसद के स्पीकर की संसदीय सुरक्षा टीम ने गुरूवार को वेस्टमिंस्टर में सभी सांसदों और साथियों को एक चेतावनी संदेश भेजा है। जिसमें कहा गया है कि क्रिस्टीन ली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के संयुक्त मोर्चा कार्य विभाग की ओर से जानबूझकर राजनीतिक हस्तक्षेप की गतिविधियों में लिप्त थीं।

फिलहाल, ब्रिटिश स्पीकर ने साफ किया है कि ब्रिटेन के किसी भी राजनेता पर किसी आपराधिक मामलों से जुड़े होने का संदेह नहीं है। बता दें कि क्रिस्टीन ली लंदन की एक पेशेवर वकील भी है,और वह लंदन में चीनी दूतावास की पूर्व मुख्य कानूनी सलाहकार भी रह चुकी है। वर्तमान में वह प्रवासी चीनी मामलों के कार्यालय की कानूनी सलाहकार हैं। इसके अलावा वह वेस्टमिंस्टर में इंटर-पार्टी चाइना ग्रुप की सचिव भी हैं।

वहीं,इस चीनी जासूस ने लेबर पार्टी के शीर्ष नेता जेरेमी कॉर्बिन के सहयोगी बैरी गार्डिनर को अपने बेटे डैनियल विल्क्स के साथ आज तक अपने कार्यालय में काम करने के लिए 500,000 पाउंड से अधिक का दान दिया है। यह भी बताया गया है कि उसने लेबर पार्टी को कई टुकड़ों में सैकड़ों हजारों पाउंड से अधिक का दान किया है। पांच साल पहले उसकी फंडिंग के बारे में सवाल पूछे गए थे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई

वहीं,डेविड कैमरन के प्रधानमंत्री रहते हुए वह कई बार उनसे भी मिल चुकी है। जनवरी 2019 में ब्रिटिश चीनी परियोजना के माध्यम से चीन के साथ अच्छे संबंधों में उनके योगदान की सराहना करते हुए तत्कालीन प्रमुख थेरेसा मे को पॉइंट ऑफ लाइट अवार्ड दिया था।

इसी कड़ी में एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि चीन की इस महिला जासूस का नाम क्रिस्टीन फांग है जिसे फांग फांग के नाम से भी जाना जाता है। इस जासूस ने चार साल अमेरिका में स्टूडेंट बनकर कई अमेरिकी राजनेताओं को अपनी जाल में फंसाया था। इसमें डेमोक्रेटिक सांसद और यूएस सीनेट के इंटेलिजेंस कमेटी के मेंबर एरिक स्वैलवेल भी शामिल हैं। आरोप यह भी हैं कि स्वैलवेल और क्रिस्टीन के बीच शारीरिक संबंध थे। हालांकि, अमेरिकी सांसद ने सार्वजनिक रूप से आपसी रिश्तों को कभी स्वीकार नहीं किया है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2014 में चीनी जासूस क्रिस्टीन फांग ने एरिक स्वैलवेल के चुनाव लड़ने के लिए फंडिंग की थी। दरअसर एरिक उसके फंड रेजिंग कैंपेन, व्यापक स्तर की पहुंच, सुंदरता को देखकर फिदा हो गए थे। जिसके बाद इन दोनों के बीच काफी नजदीकी बन गई थी। लेकिन, जब अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने एरिक को उसके चीनी जासूस होने की जानकारी दी, तब उन्होंने क्रिस्टीन से दूरी बना ली थी।

2015 में एफबीआई को क्रिस्टीन फांग के बारे में जानकारी मिल गई थी। जिसके बाद से एफबीआई ने उसे रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल भी बिछाया। लेकिन, अपने काम में माहिर क्रिस्टीन ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी की चाल को पहले ही भांप लिया और देश छोड़कर फरार हो गई। बताया जाता है कि उसे अमेरिका से फरार करवाने में कई अमेरिकी राजनेताओं का हाथ था।

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व अधिकारी डेनियल हॉफमैन ने फॉक्स न्यूज को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि चीन के सैकड़ों नहीं हजारों की संख्या में हनीट्रैप जासूस हमारे देश में सक्रिय हैं। ये जासूस गुप्त सूचनाओं को चीन तक पहुंचाने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि चीन हर साल सैकड़ों की संख्या में अपने जासूसों को अच्छी अग्रेंजी सिखाकर उन्हें छात्र के रूप में अमेरिकी विश्वविद्यालयों में दाखिला दिलवाता है। यहां से ये जासूस अमेरिकी राजनेताओं और अधिकारियों को अपने जाल में फंसाकर खुफिया सूचनाएं निकलवाते हैं।

ये जासूस हनीट्रैप में फंसाने के लिए सोशल मीडिया का खूब उपयोग करते हैं। इसी के जरिए ये अमेरिकी राजनेताओं और अधिकारियों के साथ संपर्क स्थापित करते हैं। उन्होंने कहा कि फांग फांग या क्रिस्टीन फांग को भी चीन के राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने ही अमेरिका में जासूसी करने के लिए भेजा था। उन्होंने कहा कि मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अब भी बड़ी संख्या में चीनी जासूस अमेरिका में सक्रिय हैं, जो यहां बड़े अधिकारियों और राजनेताओं को अपने हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश कर रही हैं।

अमेरिका ही नहीं, चीन के ये हनीट्रैप वाले जासूस फ्रांस, ब्रिटेन और नीदरलैंड में भी फैले हुए हैं। फ्रांस ने 2011 में ही चेतावनी जारी कर कहा था कि चीन उसके देश में हनीट्रैप के लिए बड़ी मात्रा में जासूसों को तैनात कर रहा है। इसके बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास भी देखने को मिली थी। जबकि ब्रिटेन और नीदरलैंड ने 2016 में ऐसा ही आरोप चीन पर लगाया था।

चीन अपने देश में जासूसों की भर्ती के लिए बेहद घटिया तरीके अपनाता है। इसमें चीनी परिवारों पर दबाव डालना, ब्‍लैकमेल करना शामिल है। इन जासूसों के जरिए चीन अंजान पश्चिमी राजनेताओं, बिजनेसमैन और अधिकारियों को हनीट्रैप के जरिए फंसाने की कोशिश करता है। इसके लिए चीन खूबसूरत महिलाओं को भर्ती करता है और फिर उन्‍हें ट्रेनिंग देकर टारगेट के पास भेजा जाता है। ये महिलाएं टारगेट की आपत्तिजनक तस्‍वीरें और वीडियो बना लेती हैं। इसके बाद उन लोगों मनचाहा काम करने के लिए ब्‍लैकमेल किया जाता है। चीन में काम करने वाले एक ब्रिटिश बिजनसमैन ने बताया कि चीन यह विदेशों में ही नहीं अपने देश में हनीट्रैप के लिए जाल बिछाता है। इसे चीन की खुफिया एजेंसी चलाती है। चीन ने पूरी दुनिया में जासूसी के लिए अलग-अलग जगहों पर पूरा एक नेटवर्क बना रखा है।

कंजरवेटिव पार्टी के पूर्व नेता सर इयान डंकन स्मिथ ने आज दोपहर सांसदों को बताया कि MI5 ने इस मामले के बारे में स्पीकर सर लिंडसे हॉयल से संपर्क किया था। जिसके बाद उन्होंने संसद सदस्यों को चेतावनी दी है कि सांसद के साथ काम कर रहे चीनी सरकार के एजेंट ब्रिटेन में भी सक्रिय हैं। ऐसे मे उनको यहां से हटाने के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

चीनी ऐजेंसियों ने ब्रिटेन ही नहीं,फ्रांस,अमेरिका और नीदरलैंड में चीनी ऐजेंटों का पूरा सिंडीकेट फैला हुआ हैं। जिस क्रम में फ्रांस ने 2011 में ही चेतावनी जारी कर,साफ कर दिया था कि चीन उसके देश में हनीट्रैप के लिए भारी पैमाने जासूसों को तैनात कर रहा है। इसके बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास भी देखने को मिली थी। जबकि ब्रिटेन और नीदरलैंड ने 2016 में ऐसा ही आरोप चीन पर लगाया था।

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