
अमेरिकी घातक फाइटेर एअरक्राफ्ट F-35 जो कि परमाणु बमों से लैश रहती है (सांकेतिक तस्वीर)
वाशिंग्टन/लंदन/कीव। रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण लड़ाई अब 50 दिन पूरी कर चुकी है,लेकिन अभी तक रुसी फौज संतोषजनक कामयाबी हासिल करने में असफल साबित रही है। जिससे पुतिन का गुस्सा सातवें आसमान पर है,और अब रूसी फौज गैर मर्यादित तरीके से युद्ध लड़ना शुरू कर दी है,ऐसे में रूसी फौज अपने टास्क को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है,जिससे यूरोपीय ऐजेंसियों की अब आशंका बढ़ गई है कि कहीं रूसी सेना परमाणु हथियारों का इस्तेमाल न कर दे। इसीलिए अब अमेरिका 14 साल बाद एक बार फिर से ब्रिटेन में परमाणु बम तैनात करने का फैसला किया है। अमेरिका ने एक बार फिर से ब्रिटेन को यूरोप के उन देशों की सूची में शामिल किया है जहां पर परमाणु बम तैनात किया गया है। अमेरिका ने रूस के किसी भी दुस्साहस का करारा जवाब देने के लिए तुर्की समेत यूरोप के कई नाटो सदस्य देशों में करीब 100 परमाणु बम बंकरों के अंदर छिपा रखे हैं।
बताया जा रहा है कि अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने ब्रिटेन के रॉयल एयरफोर्स के लाकेनहेथ हवाई ठिकाने पर परमाणु बम रखने का फैसला किया है। इससे पहले भी इसी ठिकाने पर अमेरिका ने परमाणु बम तैनात किया था ताकि एफ-15ई फाइटर जेट के जरिए उनका इस्तेमाल किया जा सके। इस दस्तावेज में कहा गया है कि अमेरिका बेल्जियम, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, ब्रिटेन और तुर्की में ‘विशेष हथियारों’ (परमाणु हथियार) के लिए जरूरी आधारभूत ढांचे पर 38 करोड़ 40 डॉलर खर्च कर रहा है।
बता दें कि अमेरिका ने पहले यहां पर न्यूक्लियर ग्रेविटी बम छिपाकर रखे थे। 2000 के दशक तक माना जाता था कि इस ठिकाने पर 110 बी61 ग्रेविटी परमाणु बम रखे गए थे। साल 2008 में हांस क्रिस्टेंशन ने खुलासा किया था कि अमेरिका ने अपने सारे परमाणु बम हटा लिए थे। वहीं अब 14 साल बाद यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका एक बार फिर से इस ठिकाने को परमाणु बम से लैस करने जा रहा है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि परमाणु बम इस ठिकाने पर पहुंच गए हैं या उन्हें निकट भविष्य में रखा जाएगा। इन परमाणु बमों को गिराने के लिए अमेरिका ने कई अत्याधुनिक फाइटर जेट वहां तैनात कर रखे हैं।
दरअसल,रूस की तरफ से यूक्रेन युद्ध के दौरान कई बार परमाणु हथियारों के हमले की धमकी दी गई है,जहां इस दौरान कई बार परमाणु हथियारों से लैस रूसी पनडुब्बीयों को भी समुद्र में गश्त करते देखा जा चुका है। यहां तक कि कई बार रूस के फाइटेर एअरक्राफ्ट भी परमाणु बमों से लैश होकर अपने दुश्मन के उपर मंडरातें हुए देखें गए हैं,यहीं नहीं रुस के उस आदेश को भी लेकर आशंका बढ़ी हुई है जिसमें कि कहा गया है कि रूसी फौज 10 मई तक यूक्रेन के आॅपरेशन को पूरा करें,इसीलिए यूरोपीय देशों में हड़कंप मचा हुआ है तो ऐसे में अमेरिका की मजबूरी है कि वह सहयोगी देशों की सुरक्षा के बावत कड़े इंतजाम करें।
