
मुजफ्फराबाद। आज ही के दिन यानि 22 अक्टूबर,1947 को पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर के एक इलाके पर हमला करके कब्जा कर लिया था जिस वजह से इसे गुलाम कश्मीर यानि POK कहा जाता है,इसलिये आज इस घटनाक्रम के 75वें वर्ष पर इस घटना के विरोध में पाकिस्तान सरकार और पाक सेना के खिलाफ POK में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। क्षेत्र पर पाकिस्तान के कब्जे के विरोध में एक मशाल जुलूस भी निकाला जा रहा है, मुजफ्फराबाद शहर में यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी ने 75 वर्ष पहले जम्मू एवं कश्मीर पर कबायली एवं पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए हमले के खिलाफ रैली निकाली।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी सेना और अन्य प्रशासकों से कब्जा किए गए POK को तत्काल छोड़ने की मांग की। पार्टी के चेयरमैन सरदार शौकत अली कश्मीरी ने कहा, ‘पाकिस्तान क्षेत्र पर कब्जा और जम्मू एवं कश्मीर में हजारों निर्दोष लोगों की हत्या करने का अपराधी है।’
22 अक्टूबर, 1947 को पाकिस्तानी सेना के हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए नीलम ब्रिज में एक मशाल जुलूस भी निकाला जाएगा। राष्ट्रीय बराबरी पार्टी जेकेजीबीएल मशाल जुलूस का आयोजन करेगी। प्रदर्शनकारियों ने आजादी मिलने तक पाकिस्तानी कब्जे के खिलाफ संघर्ष जारी रखने की शपथ लिया।
वहीं बांग्लादेश में भी राजधानी ढाका में शुक्रवार को प्रदर्शन हुए और 22 अक्टूबर को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया गया। इसी तारीख को 1947 में पाकिस्तान की अगुआई में कबायली बलों ने कश्मीर पर हमला किया था।
बताते चले कि 22 अक्टूबर 1947 के दिन यानि आज ही के दिन पाकिस्तानी सेना ने आपरेशन गुलमर्ग के तहत कश्मीर के एक इलाके पर हमला करके वहां के तमाम निर्दोषों को मार डाला था और फिर वहां अवैध कब्जा जमा लिया, तभी से वहां हर वर्ष तथा अन्य समय में भी वहां के लोगों द्वारा पाकिस्तानी हुकूमत व पाक सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होता रहता है और इस विरोध प्रदर्शन का बांग्लादेश भी सहयोग करता है।
