एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

दक्षिण सागर में दुश्मन को रोकने के लिए अमेरिका ने घातक मिसाइलों से लैस जंगी युध्दपोत किया तैनात, चीन भी हुआ सतर्क, पीछे भेजा जहाज – अमरनाथ यादव (डिप्टी एडिटर)


फोटो साभार -(अमेरिकी नौसेना के ट्वीटर से)

बीजिंग। अमेरिकी नौसेना के एक कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने गुरुवार को दक्षिण सागर में संचालन शुरू किया। बता दे कि अमेरिकी नौसेना ने इसकी घोषणा की है। दरअसल,इस क्षेत्र को चीन अपना बताता रहा है। इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि दो चीनी जहाज अमेरिकी नौसेना का पीछा कर रहे हैं। अमेरिकी नौसेना के बेड़े में एक एयरक्राफ्ट कैरियर, एक गाइडेड मिसाइल क्रूजर और तीन गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर हैं। मालूम हो कि निमित्ज़ कैरियर स्ट्राइक ग्रुप पहली बार दक्षिण सागर में तैनात हुआ है। हालांकि,अमेरिकी नौसेना के इस तैनाती के पीछे का कारण अभी तक साफ नही हो सका है।

बताया जा रहा है कि निमित्ज़ कैरियर स्ट्राइक ग्रुप अंतरिक्ष से लेकर समुद्र तक मार करने वाले घातक और गैर घातक हथियारों से लैस है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिकी नौसेना की यह तैनाती इस क्षेत्र में चीन की उपस्थिति को रोकने का एक प्रयास है। इसी हफ्ते अमेरिका और जापान ने ओकिनावा में मजबूत नेवी की उपस्थिति की घोषणा की है, जिसमें उन्नत खुफिया और जहाज-विरोधी क्षमताएं होंगी।

बता दे कि दोनों देश पहले भी इस तरह की घोषणा कर चुके हैं, जो इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती ताकत को काम करने के लिए एक साथ आएंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बुधवार को कहा, ‘हम जापान के साथ एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने का साझा दृष्टिकोण रखते हैं।’ तीन सप्ताह पहले एक चीनी J-11 लड़ाकू जेट ने दक्षिण चीन सागर के ऊपर उड़ रहे एक अमेरिकी RC-135 टोवी विमान को रोका था। जेट विमान के 20 फीट के करीब आ गया था। जिसे लेकर चीन ने दावा किया था कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने बिना मंजूरी के दक्षिण सागर में अवैध रूप से घुसे USS चांसलरविले को खदेड़ दिया। जबकि अमेरिका ने चीन के दावे को गलत करार दिया। इसके साथ ही कहा कि चीन अपने पड़ोसियों को दबाने के लिए नाजायज तरीके से समुद्री क्षेत्र पर दावा करता है। नेवी ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी जहाज अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत नेविगेशन ऑपरेशन की स्वतंत्रता का इस्तेमाल कर रहा था।

गौरतलब है कि चीन अपने विस्तारवादी नीति के वजह से वह अपने पड़ोसी देशों से उलझा हुआ है। ऐसे में चीन के दुश्मन मुल्कों की मदद में अमेरिका सामने है जो कि चीन के रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा है। इतना ही नहीं चीन को रोकने के लिए अमेरिका ने चीन विरोधी देशों का एक सैन्य समूह भी गठित किया है, जिसे क्वाड के नाम से जाना जाता है। इस समूह का काम है कि समूह से जुड़े किसी भी देश पर यदि चीन हमला करता है तो संगठन के सभी देश चीन को माकूल जवाब देंगे। यही कारण है कि चीन अभी तक अपने दुश्मन देशों पर हमला नहीं कर रहा।

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