आतंकियों की सांकेतिक तस्वीर
वाशिंगटन। पाकिस्तान की काली करतूतों पर एक बार फिर दुनिया की एक बड़ी संस्था ने मुहर लगाते साफ किया है कि अफगानिस्तान से जुड़े मामलों में पाकिस्तान लंबे समय से सक्रिय और कई मामलों में विध्वंसकारी एवं अस्थिरता लाने जैसी भूमिका निभाता रहा है, जिसमें तालिबान को समर्थन देने के लिए एक प्रावधान का सहारा लेना भी शामिल है।
CRS की रिपोर्ट में साफ साफ कहा गया कि यदि पाकिस्तान,रूस,चीन और कतर जैसे अन्य देश तालिबान को मान्यता देते हैं इससे अमेरिका अलग-थलग पड़ सकता है। वहीं, तालिबान का मनोबल ऊँचा हो जाएगा।
CRS रिपोर्ट ने पाकिस्तान का आज पूरी पोल खोल कर रख दिया है, लेकिन आदतन अपनी गलतियों पर हमेशा पर्दा डालने वाला पाकिस्तान इस रिपोर्ट को कतई स्वीकार नही कर सकता,लेकिन अब समय की मांग है कि पाकिस्तान के खिलाफ बड़े सैन्य कार्यवाही की जरूरत है, न कि कागजी कार्यवाही की,चूंकि पाकिस्तान कागज की भाषा नहीं जानता उसे गोला बारूद की भाषा समझ में आती है।