इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

“हवाना” नामक बिमारी के हमलें को लेकर अमेरिकी खुफिया ऐजेंसी के चीफ ने रुसी ऐजेंसी को दिया धमकी, कहा, अगर हमले के लिए जिम्मेदार साबित हुआ रूस तो भुगतना होगा गंभीर परिणाम – सतीश उपाध्याय (सीनियर एडिटर)


सांकेतिक तस्वीर

वाशिंगटन। अमेरिका के CIA के चीफ विलियम बर्न्स ने रूस की खुफिया ऐजेंसी को साफ चेतावनी देते हुए कहा कि अगर रूस ‘हवाना सिंड्रोम’ के स्वास्थ्य घटनाओं के लिए जिम्मेदार है तो उन्हें कई गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। बताते चले कि हाल के महीनों में अमेरिकी खुफिया ऐजेंसी के दर्जनों जासूस और राजनयिक हवाना सिंड्रोम के शिकार हुए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार CIA चीफ बर्न्स ने हाल ही में अपने मॉस्को यात्रा के दौरान रूस के सामने इस मसले को उठाया था जब वह रूस की फेडरल सिक्यूरिटी सर्विस,एफएसबी, विदेशी खुफिया सेवा और एसवीआर के टॉप अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे थे।

बताया जा रहा है कि बर्न्स ने रूसी ऐजेंसी से साफ कहा कि अमेरिकी कर्मियों और उनके परिवारों को नुकसान पहुंचाने से पेशेवर खुफिया सेवाओं का यह व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। इससे अलिखित नियम टूट जाएंगे। अगर इसके लिए रूस की ऐजेंसी जिम्मेदार हैं तो इसके गंभीर नतीजे होंगे। कई अमेरिकी अधिकारी इस बात से आश्वस्त हैं कि इन घटनाओं के पीछे रूस है हालांकि रूस लगातार इस आरोप को खारिज करता रहा है।

गौरतलब है कि 2016 में अमेरिकी खुफिया ऐजेंसी के कई अधिकारी और राजनयिक क्यूबा की राजधानी हवाना में थे। इस दौरान कई कर्मचारियों को अचानक मिचली,तेज सिरदर्द, थकान,चक्कर आने की दिक्कतें आने लगी। कई लोगों को नींद की समस्या भी दिखी। इस सबका लंबे वक्त तक असर रहा। इस रहस्यमय बीमारी से प्रभावित कर्मचारियों में से तो कुछ तो ठीक हो गए लेकिन कई लोग महीनों तक प्रभावित रहे। इसी को हवाना सिंड्रोम कहा गया।

जिसके बाद अमेरिका इस रहस्यमय बीमारी के बारे में जांच करने में जुट गया,जहां कई साल लगे।
2020 के आखिर में अमेरिकी नेशनल एकेडमिक्स ऑफ़ साइंसेज ने हवाना सिंड्रोम का संभावित कारण डायरेक्टेड माइक्रोवेव रेडिएशन को बताया। हालांकि यह अभी तक साफ नहीं हो सका है कि यह बिमारी जानलेवा है अथवा नहीं ?

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