सांकेतिक तस्वीर।
नई दिल्ली/कोहिमा। नागालैंड के मोन जिले में शनिवार को शाम को सुरक्षा बलों द्वारा की गई फायरिंग में मारें गए 13 लोगों के मौत की घटना में एक्सक्लूसिव रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों को इंटेलीजेंस ऐजेंसी द्वारा इंटल इनपुट दिया गया था कि उग्रवादी संगठन NSCN से जुड़े उग्रवादी लोग संबंधित रोड से इस रंग की गाड़ी से इस समय पास होंगें,बस यहीं सबसे बड़ी चूक हो गई,टारगेट के इंतज़ार में पहले से ही अंबुस करके बैठे भारतीय सुरक्षाबलों के सामने इंटल रिपोर्ट के हिसाब से उसी रंग की गाड़ी और ठीक उसी समय पर उसी रोड से गुजरी, बस फिर क्या था, भीषण गोलाबारी शुरू कर दी गई और इस गोलाबारी में 13 लोगों की मौत हो गई बाद में पता चला कि ये तो निर्दोष नागरिक थे, जिसके बाद भारी बवाल मच गया।
जहां इस घटना के बाद इलाके में तनाव के साथ हिंसा भढ़क उठी, इस दौरान सुरक्षाबलों और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़पें भी हुई। तो वहीं आॅपरेशन में शामिल असम राइफल्स के हवाले से बताया गया है कि इस झड़प में सुरक्षा बलों को भी गंभीर चोटें आई हैं,और इस झड़प में एक सैनिक भी बेहद गंभीर रूप से घायल होने के कारण बाद में उसकी मौत हो गई। फिलहाल इस घटना को लेकर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं।
वहीं फायरिंग में हताहत हुए नागालैंड के मोन जिले के भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष न्यावांग कोन्याकी ने सेना पर फायरिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि वो शनिवार को कहीं जा रहे थे, इस दौरान सेना ने उन पर फायरिंग की। इसमें उनके एक साथी की भी मौत हो गई।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि इंटेलीजेंस ऐजेंसी के इंटल इनपुट पर कार्रवाई करने के लिए सुरक्षा बल मोन जिले के तिरु-ओटिंग रोड पर टारगेट के इंतज़ार में पहले से ही अंबुस पर तैनात थे,दरअसल इनपुट में जिस रंग की गाड़ी के बारे में बताया गया था,ठीक उसी रंग की गाड़ी वहां से गुजरी, फोर्स ने गाड़ी को रोकने के लिए ईशारा किया लेकिन वह गाड़ी रुकी नहीं,इसके बाद फोर्स ने इस गाड़ी में मौजूद लोगों को टारगेट समझ कर फायरिंग शुरू कर दी,इस भीषण गोलाबारी में 13 लोगों की मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि ये सभी मजदूर थे, जो काम के बाद एक पिकअप में सवार होकर अपने घर जा रहे थे। देर रात तक घर नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों ने उन्हें ढूंढना शुरू किया और तब उन्हें इस घटना की जानकारी मिली,जिसके बाद ग्रामीण भढ़क उठे और इन लोगों ने सुरक्षा बलों की गाड़ियों में आग लगा दिये,इस गुस्साई भीड़ को नियंत्रित करने में जवानों को काफी मशक्कत करनी पड़ी,जहां झड़प के दौरान बुरी तरह से एक जवान भी घायल हो गया और बाद में उसकी भी मौत हो गई।
हालांकि घटना की उच्चस्तरीय जांच के लिए नागालैण्ड के मुख्यमंत्री ने SIT गठित कर दिया है तो वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी घटना से आहत है और स्थिति पर केंद्रीय गृह मंत्रालय नजर बनाये हुए हैं।