स्पेशल रिपोर्ट

यूरोप की धरती से भारत के PM मोदी ने रूस-यूक्रेन जंग को बंद करने व बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने पर दिया जोर, इस जंग में भारत की नीति को लेकर रूस पहले भी कर चुका है तारीफ – विजयशंकर दूबे/राजेंद्र दूबे

नई दिल्ली/बर्लिन। रूस-यूक्रेन जंग के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूरोप की धरती से भारत का रूख साफ करते हुए खुलकर कहा कि हम शांति के पुजारी है और समस्याओं के समाधान का विकल्प सिर्फ बातचीत है। बता दे कि तीन दिनों के यूरोप दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का कोई विजेता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत बातचीत के जरिए समस्या का समाधान निकालने में यकीन रखता है।

दरअसल,जर्मन चांसलर ओलफ स्कोल्ज के साथ बातचीत के बाद पीएम मोदी ने कहा कि हमने यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर चर्चा की। यूक्रेन में हो रहे टकराव में कोई विजेता नहीं होगा। हम शांति के पक्ष में हैं और युद्ध खत्म करने की अपील करते हैं। वहीं इससे पहले रविवार को भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का पक्ष रखते हुए कहा था कि दोनों देशों को शत्रुता खत्म कर बातचीत और कूटनीति के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि इस साल के 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन जंग जबसे छिड़ी है तभी से अमेरिका सहित नाटों देश व दुनिया के अन्य देश भारत से रूस के विरोध में तमाम अपेक्षा कर रहे हैं,जहां इस दौरान भारत कई बार अपना रूख साफ करते हुए “तटस्थता की नीति” पर कायम रहने की बात किया और शांति तथा बातचीत पर जोर दिया। हालांकि इस बीच वह दौर भी सामने आया जब बूचा नरसंहार को लेकर भारत को बिना किसी का नाम लिये इस नरसंहार का निंदा और निष्पक्ष जांच की बात कहना पड़ा। उधर,इस जंग के बीच मॉस्को भारत के रूख से कई बार संतुष्ट होने के साथ-साथ भारत की तरीफ भी कर चुका है।

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