बीजिंग/ताइपे। चीन-ताइवान के बीच जारी भीषण तनातनी के दौरान चीन की सेना ने सोमवार को ताइवान के आसपास समुद्र और हवाई क्षेत्र में नए सैन्य अभ्यास की घोषणा की है। चीन की ईस्टर्न कमांड की तरफ से संकेत दिया गया कि पनडुब्बी रोधी और समुद्री हमले के अभियानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए संयुक्त अभ्यास की शुरुआत की जाएगी। वहीं,चीन के इस ड्रिल की हवा निकालते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चौंकाने वाला दावा किया है कि इससे ज्यादा चीन कुछ नहीं कर सकेगा। यानि चीनी सेना सिर्फ युद्धाभ्यास तक हीं सीमित रहेगा।
दरअसल,ताइवान में नैन्सी पेलोसी की यात्रा के विरोध में चीन ने अपना सैन्य अभ्यास शुरू किया था और अब अभ्यास के पहले चरण की समाप्ति के बाद चीन ने नया एलान किया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ताइवान के चारों ओर पनडुब्बी रोधी हमले और समुद्री हमले का अभ्यास करेगी। चीन अपना यह नया अभ्यास कहां करेगा ? और यह कितने दिन चलेगा ? अभी इसके बारे में रिपोर्ट सामने नहीं आई है।
इससे पहले चीन के समुद्री सुरक्षा प्रशासन ने रविवार को एक बयान में कहा कि बोहाई सागर पर 8 अगस्त से 8 सितंबर के बीच अभ्यास किया जाएगा,जबकि पीले सागर पर एक और अभ्यास 7 से 15 अगस्त के बीच किया जाएगा। वहीं चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को एक बार फिर दोहराया कि पेलोसी की ताइवान यात्रा के जवाब में चीन ने जो जवाबी कदम उठाए हैं वे उचित हैं। ताइवान जलडमरूमध्य में मौजूदा तनाव पूरी तरह से अमेरिकी उकसावे का परिणाम है।
बता दे कि चीन द्वारा किए गए सैन्य अभ्यास के पहले चार दिनों के दौरान 11 छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की फायरिंग की गई। इसके अलावा चीनी युद्धपोतों, लड़ाकू जेट और ड्रोन ने द्वीप के चारों ओर बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास किया। सैन्य अभ्यास के समाप्त होने से कुछ समय पहले, चीन और ताइवान के लगभग 10 युद्धपोतों ने ताइवान जलडमरूमध्य की अनौपचारिक मध्य रेखा के करीब युद्धाभ्यास किया था।
वहीं,इस तनातनी के बीच ताइवानी राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने अंतर्राष्ट्रीय समर्थन और तनाव को रोकने की अपील की है। त्साई इंग-वेन ने कहा कि मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लोकतांत्रिक ताइवान का समर्थन करने और क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति में किसी भी वृद्धि को रोकने का आह्वान करती हूं। वहीं इससे पहले ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य के आसपास कई चीनी विमानों और जहाजों का पता चला है और उनमें से कुछ ने मध्य रेखा को पार कर लिया है।
उधर,अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीनी सेना के इस युद्धाभ्यास का हवा निकालते हुए खुलासा किया है कि चीनी सेना सिर्फ युद्धाभ्यास तक हीं सीमित रहेगी यानि चीन, ताइवान पर आक्रमण नहीं करेगा। हालांकि जबसे यह तनाव पैदा हुआ है तभी से दुनिया भर के तमाम विशेषज्ञों की करीब एक ही राय है कि चीन सिर्फ ड्रिल तक ही सीमित रहेगा, ऐसे में चीनी सेना की यह हरकत महज एक नौटंकी ही साबित होगी, क्योंकि बहुत ऐसे कारण सामने है जिससे यह साफ संकेत मिल रहा है कि किसी भी परिस्थिति में चीनी सेना ताइवान पर आक्रमण नहीं करेगी।