एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

इंडियन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख बार्डर पर बढ़ाई तैनाती, और भी घातक हथियारों की तैनाती को लेकर कर रही है बड़ी तैयारी – अमरनाथ यादव/गौरव बरनवाल


सांकेतिक तस्वीर।

नई दिल्ली। इंडियन आर्मी की तरफ से चीन से लगती सीमा पर कई तरह के रॉकेट और तोपों को तैनात किये जाने की रिपोर्ट सामने आ रही है। भारत के रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी मे यह दावा किया गया है कि भारतीय सेना ने बार्डर पर दुश्मन की तरफ से किसी भी हरकत का काउंटर करने के लिए भारी तैनाती की जा रही है।

बताया जा रहा है कि सेना 100, K-9 वज्र होवित्जर और मानव रहित यान(यूएवी) सहित बड़ी संख्या में अतिरिक्त सैन्य उपकरण खरीदने के योजना पर भी सक्रिय है। भारतीय थल सेना की तोपखाना इकाइयां, के-9 वज्र ‘ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर’, अत्यधिक हल्के एम-777 होवित्जर, पिनाका रॉकेट प्रणालियां और धनुष तोप प्रणालियां पहले ही तैनात कर चुकी हैं।

दरअसल,सूत्रों का दावा है कि सेना की योजना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी तोपखाना इकाइयों को 90 किमी की रेंज वाले मानव रहित यान से लैस करने की है। एक सूत्र ने बताया, ‘हम 15-20 किमी की दूरी तय करने वाले और चार घंटों तक 80 किमी के दायरे में निगरानी करने वाले मानव रहित यान खरीदने पर विचार कर रहे हैं।’

इतना ही नहीं सूत्रों ने आगे भी बताया है कि सेना 100 और के-9 वज्र होवित्जर की नयी खेप हासिल करने वाली है। यह 2017 में इस तरह की 100 तोपों के लिए दिये गये ऑर्डर के अतिरिक्त होगी। सूत्रों ने बताया कि रक्षा खरीद परिषद ने 100 और के-9 वज्र का आर्डर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अनुरोध प्रस्ताव जल्द ही जारी किया जाएगा।

के-9 वज्र को मुख्य रूप से रेगिस्तानी क्षेत्र में तैनात करने के लिए खरीदा गया था लेकिन पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद सेना ने काफी संख्या में होवित्जर को अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में तैनात किया है। यही नहीं शीतकालीन किट भी खरीदे जा रहे हैं ताकि होवित्जर शून्य डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में भी काम कर सके।’ उन्होंने साथ ही कहा कि उत्तरी सीमा पर अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर वज्र तोपें पहले से ही तैनात हैं।

सेना ‘एडवांस्ड टोव्ड आर्टिलरी गन सिस्टम’ (एटीएजीएस) और ‘माउंटेड गन सिस्टम’ खरीदने की प्रक्रिया में भी जुटी हुई है। वहीं,पिनाका की छह और रेजिमेंट भी खरीदी जा रही है और उनकी आपूर्ति भी शीघ्र शुरू हो जाएगी। क्योंकि पिनाका रेजिमेंट को इलेक्ट्रॉनिक एवं यांत्रिक रूप से उन्नत की गई हथियार प्रणालियों से लैस किया जाएगा। ये लंबी दूरी तक विभिन्न तरह के गोले दाग सकेंगे। और इसकी एक रेजिमेंट उत्तरी सीमा पर अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर तैनात की गई है।

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