सांकेतिक तस्वीर।
लंदन। दुनिया में जारी जंगी तनातनी के बीच पूरी दुनिया में हड़कंप मचाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें यह खुलासा हुआ है कि चीन अपने सैनिकों को ट्रेनिंग देने के लिए पूर्व ब्रिटिश आर्मी और एयरफोर्स पायलटों की भर्ती कर रहा था,इतना ही नहीं चीन इस प्लान को एक टाॅप सीक्रेट मिशन के तहत अंजाम दे रहा था।
बता दे कि इस हड़कंप मचाने वाले खुलासे में कहा गया है कि यह योजना काफी गुप्त तरीके से संचालित की जा रही थी, जिससे ब्रिटिश ऐजेंसियों को इसकी भनक तक न लग सकें। बताया जा रहा है कि रिटायर्ड ब्रिटिश पायलट बिजनेस टूर के नाम पर चीन का दौरा करते थे। कई रिपोर्ट्स में तो इन ब्रिटिस पायटलों पर चीन को खुफिया जानकारी देने के भी आरोप लगे हैं। अब इस खुलासे के बाद ब्रिटेन सहित पूरी दुनिया में में हड़कंप मच गया है। वहीं,ब्रिटिश सरकार की तरफ से कहा गया है कि वह चीन में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों को ट्रेनिंग देने के लिए सेवारत और पूर्व ब्रिटिश सैन्य पायलटों की भर्ती की कोशिशों को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है। ऐसा समझा जा रहा है कि ब्रिटेन के 30 पूर्व सैन्य पायलट चीनी सेना में शामिल सैनिकों को ट्रेनिंग देने गये है। चीन के इस तरह के भर्ती अभियानों के खिलाफ रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) तथा अन्य सशस्त्र बल के अधिकारियों को गोपनीय सूचना देकर सतर्क किया जा रहा है।
बता दे कि चीन की यह भर्ती प्रक्रिया ब्रिटेन के मौजूदा कानूनों का उल्लंघन नहीं करती, लेकिन ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय के साफ किया है कि नया राष्ट्रीय सुरक्षा विधेयक इस तरह की ‘सुरक्षा चुनौतियों’ से निपटने के लिए अतिरिक्त उपाय उपलब्ध कराएगा। मंत्रालय के एक प्रवक्ता के हवाले से यह बताया गया है कि वे चीन में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों को प्रशिक्षित करने के लिए सेवारत और पूर्व ब्रिटिश सैन्य पायलटों की भर्ती की चीन की कोशिशों को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठा रहे हैं।
इस दौरान उन्होंने आगे यह भी कहा कि सभी सेवारत और पूर्व अधिकारी पहले ही सरकारी गोपनीयता कानून के दायरे में आते हैं और हम रक्षा क्षेत्र में गोपनीयता अनुबंधों तथा खुलासा नहीं करने संबंधी समझौतों की समीक्षा कर रहे हैं, वहीं नया राष्ट्रीय सुरक्षा विधेयक मौजूदा समेत समकालिक चुनौतियों से निपटने के लिए अतिरिक्त उपाय उपलब्ध कराएगा।
फिलहाल,इस खुलासे से ब्रिटेन सहित पूरी दुनिया में खलबली मच गई है, ऐसे में चीन विरोधी देश जो ब्रिटेन को अपना हमदर्द व बहुत बड़ा सहयोगी समझ रहे थे, उनके साथ यह बहुत बड़ा धोखा हुआ है। इतना ही नहीं इसे चीन विरोधी दुनिया भर के देश बहुत बड़ी डिफेंस लीक मान रहे है,जिनमें अमेरिका की तो बात ही छोड़िये भारत, ताइवान, वियतनाम आदि देश इस खुलासे के बाद बेहद सकते में है।