अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मानवाधिकारों पर अपनी 2020 की रिपोर्ट में पाकिस्तान में इनके घोर उल्लंघन पर चिंता जताई है। इस रिपोर्ट में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की अवैध और मनमानी हत्याएं भी शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में सिंधी हिंदुओं, पख्तूनों और बलूच कार्यकर्ताओं को पिछले दिनों में गायब किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन मामलों में सरकारी जवाबदेही की कमी रही है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में पाकिस्तान के भीतर सरकार प्रायोजित आतंकी हिंसा और मानवाधिकारों के खिलाफ कार्रवाई को चिंता योग्य बताया गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि देश के सिंधी और बलूच राष्ट्रवादियों को बिना किसी वारंट गिरफ्तार किया गया और कुछ बच्चों को उनके माता-पिता पर दबाव बनाने के लिए भी हिरासत में लिया गया।
कार्यकर्ताओं ने 500 सिंधियों के गायब होने का दावा किया है। इसी तरह बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और शिक्षकों को गायब करना जारी रखा है।
बलूच मानवाधिकार संगठन का दावा है कि हाल ही में क्षेत्र से 45 लोग गायब हुए हैं। पाकिस्तान में संवेदनशील मुद्दों पर काम करने वाले पत्रकारों को धमकी मिलना और उनका उत्पीड़न होना आम बात हो चुकी है।
100 साल पुराने हिंदू मंदिर में तोड़फोड़
पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में 100 साल पुराने एक हिंदू मंदिर में 10-15 लोगों ने तोड़फोड़ की है। पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक, पुराना किला क्षेत्र स्थित इस मंदिर का पुनर्निर्माण चल रहा था।
डॉन अखबार ने बताया कि मरम्मत के चलते इस मंदिर में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान नहीं हो रहे थे और यहां देवी-देवताओं की मूर्तियां भी नहीं थीं। लेकिन होली के मौके पर मंदिर के बाहरी हिस्से में दरवाजों और सीढ़ियों को नुकसान पहुंचाया गया और निर्माण कार्य में बाधा पैदा की गई। मंदिर प्रशासक ओम प्रकाश के मुताबिक इस घटना के बाद मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
शर्मनाक है ईशनिंदा कानून : यूएससीआईआरएफ
अमेरिका ने पाकिस्तान में कठोर ईशनिंदा कानून की आलोचना करते हुए इसे खत्म करने को कहा है। अमेरिकी मानवाधिकार रिपोर्ट में भी पाक में कठोर ईशनिंदा कानून की आलोचना की गई है।
अमेरिका मे वैश्विक धार्मिक आजादी पर बनी संस्था यूएससीआईआरएफ के आयुक्त जॉनी मूरे ने पाक से कहा है कि वो ईशनिंदा कानून को निरस्त करे।
उन्होंने कहा, इस कानून का इस्तेमाल लोगों के अधिकारों को कुचलने और बोलने के अधिकार को खत्म करने के लिए किया जा रहा है। संस्था ने महिला दिवस पर औरत मार्च के दौरान धा