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चीन के बॉर्डर पर अमेरिकी F -16 फाइटर जेट की उड़ान भरने से दुनिया में हड़कंप- सतीश उपाध्याय (सीनियर एडिटर)

टोक्यो
दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका की आक्रामक रणनीति ने दुनिया में तहलका मचाया हुआ है। सोशल मीडिया पर अमेरिकी वायु सेना के चार एफ-16 लड़ाकू विमान (F-16 Fighter Jets) की तस्वीर वायरल हो रही है। जिसमें चारों विमानों पर लॉन्च के लिए तैयार कई घातक मिसाइलें लगी दिख रही हैं। अभी तक अमेरिका ने चीन के इतने नजदीक हथियारों से लैस लड़ाकू विमानों को नहीं उड़ाया था। कुछ दिन पहले ही अमेरिकी नौसेना का एक युद्धपोत चीन के एयरक्राफ्ट कैरियर लियाओनिंग के बहुत करीब पहुंच गया था।

खतरनाक मिसाइलों से लैस थे अमेरिकी लड़ाकू विमान
द ड्राइव की रिपोर्ट के अनुसार, इन F-16 लड़ाकू विमानों की तस्वीरें जापान के योकोटा एयर बेस पर उतरते समय ली गई हैं। यह अमेरिकी वायुसेना के इंडो पैसिफिक फ्लीट का महत्वपूर्ण एयरबेस भी है। तस्वीरों के आधार पर इस बात की पुष्टि की गई है कि अमेरिका के ये लड़ाकू विमान एयर टू एयर ऑपरेशंस के लिए खतरनाक लाइव मिसाइलों से लैस थे।

चीन के किसी भी उकसावे का दे सकते थे माकूल जवाब
इन तस्वीरों को वाइपर फोटोज ने जारी किया है, जिसे लोरी ने अपने कैमरे में कैद किया था। जिसके अनुसार, हर एक एफ-60 लड़ाकू विमान में पांच बियॉन्ड विजुअल रेंज AIM-120C-7 AMRAAM एयर टू एयर मिसाइलें लगी दिख रही हैं। इनके अलावा इन जहाजों पर एक शार्ट रेंज की AIM-9 Sidewinder एयर टू एयर मिसाइल भी तैनात थी। कुछ जहाजों पर AIM-9 Sidewinder के उन्नत वर्जन AIM-9X Sidewinder भी दिख रहा है।

इलेक्ट्रॉनिक हमले का भी नहीं होता असर
इनमें से हर लड़ाकू विमान के नीचे AN/ALQ-184 इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर्स सेल्फ इलेक्ट्रॉनिक पॉड्स भी दिखाई दे रहा है। यह पॉड्स विमान को दुश्मनों के रडार जैमिंग और इलेक्ट्रॉनिक हमलों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। चीन के पास कई ऐसे रडार हैं जो दुश्मनों के लड़ाकू विमानों की मशीनरी को हवा में ही बिना मिसाइल दागे फेल कर सकते हैं। इसी से बचने के लिए लड़ाकू विमानों में इलेक्ट्रॉनिक प्रोटक्शन इक्यूपमेंट्स लगाए जाते हैं।

अमेरिका ने सातवें बेड़े को किया सक्रिय
अमेरिका ने दक्षिणी चीन सागर क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना का सातवां बेड़ा तैनात है, जो हिंद महासागर सहित आसपास के इलाकों में लगातार गश्त करता रहता है। इस बेड़े में शामिल युद्धपोत इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने और संघर्ष को रोकने के लिए 35 देशों के साथ युद्धाभ्यास में भी शामिल होते हैं। कुछ ही दिन पहले अमेरिका के दो स्ट्राइक ग्रुप्स ने साउथ चाइना सी के विवादित इलाके में युद्धाभ्यास किया था। इसमें अपने पूरे कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट और माकिन आईलैंड एम्फीबियस रेडी ग्रुप (एआरजी) ने हिस्सा लिया था।

यूएसएस ओहियो भी 154 टॉमहॉक के साथ लगा रहा गश्त
अमेरिका ने अपनी सबसे बड़ी परमाणु पनडुब्बी यूएसएस ओहियो को चीन के नजदीक तैनात किया है। इस पनडुब्बी पर लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें तैनात हैं, जो दुनिया के किसी भी कोने में हमला कर सकती हैं। आकार में बड़ी होने के कारण यूएसएस ओहियो में 154 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें तैनात होती हैं। यह क्षमता अमेरिका के गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर में तैनात मिसाइलों की दोगुनी है। हर एक टॉमहॉक मिसाइल अपने साथ 1000 किलोग्राम तक के हाई एक्सप्लोसिव वॉरहेड को लेकर जाने में सक्षम है। अमेरिकी सेना में 1983 से तैनात यह मिसाइल सीरिया, लीबिया, ईराक और अफगानिस्तान में अपनी ताकत दिखा चुकी है।

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