इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

कैसे अमेरिका के हाथ लगा था रुस का महाविनाशक टाप सीक्रेट हथियार ? – रविशंकर मिश्र (एडिटर आपरेशन)

मॉस्को
रूस ने शीत युद्ध के समय अमेरिका पर अंतरिक्ष से हमला करने वाले महाविनाशक हथियार को दुनिया के सामने पेश किया है। सोवियत रूस के जमाने का 23 मिमी R-23M ऑटोमेटिक कैनन को स्पेस से फायर भी किया गया था। इस हथियार ने 1974 और 1975 के बीच लगभग आठ महीनों तक पृथ्वी की परिक्रमा की थी। उस समय रूस और अमेरिका एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हुआ करते थे।

पहली बार पूरा डिफेंस सिस्टम हुआ सार्वजनिक
अब इस हथियार की पूरी तस्वीर सामने आई है, जिसमें Shchit-1 सेल्फ डिफेंस सिस्टम को दिखाया गया है। इस सिस्टम को अलमाज ओपीएस-2 मिलिट्री स्पेस स्टेशन पर तैनात किया गया था। इस तस्वीर को रूसी रक्षा मंत्रालय ने रक्षा मंत्री सेर्गेई शोइगू के रॉकेट डिजाइन ब्यूरो NPO Mashinostroyenia की यात्रा के दौरान जारी किया है। यह कंपनी रूस के मिसाइल, रॉकेट और लड़ाकू विमानों के लिए रिसर्च और डिजाइन तैयार करने का काम करती है।

अभी तक प्रोटोटॉइप को ही दिखाता था रूस
सालों से रूस ने इस हथियार को गोपनीय बनाकर रखा हुआ था। 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद रूस ने अपने मिलिट्री स्पेस स्टेशन पर तैनात सभी हथियारों को हटा दिया था। 2015 तक R-23M की केवल एक ही उपलब्ध तस्वीर थी, जो बहुत अच्छी भी नहीं थी। इस तस्वीर में इसके एक प्रोटोटॉइप डिजाइन को दिखाया गया था। इसमें पूरा Shchit-1 सेल्फ डिफेंस सिस्टम नहीं दिखता था। 2015 में रूसी रक्षा मंत्रालय का आधिकारिक टेलीविजन चैनल ने इस हथियार को पहली बार जानकारी दी थी।

टॉप सीक्रेट था रूस का यह हथियार
R-23M को रूसी बमवर्षक विमानों के प्रमुख हथियार के रूप में विकसित किया गया था। इस परियोजना को 1950 के दशक में टॉप सीक्रेट बनाकर शुरू किया गया था। इस हथियार को केबी तोशमास नाम की एजेंसी ने एरोन रिखतर के साथ मिलकर बनाया था। रूस एक ऐसा कॉम्पैक्ट बंदूक को तैयार करने करना चाहता था जिसे किसी भी विमान के अंदर फिट किया जा सके। जिसके बाद से 23 मिलीमीटर की इस ऑटो कैनन को विकसित किया गया था।

अमेरिका के हाथ ऐसे लगा यह हथियार
इस कैनन को सबसे पहले टुपोलेव टीयू -22 ब्लिंडर बॉम्बर में फिट किया गया। रिमोट-नियंत्रित और रडार निर्देशित यह बंदूक ने अपने पहले अभियान के दौरान जबरदस्त प्रशंसा भी बटोरी थी। रूस ने इस हथियार को तबतक गुप्त रखा, जबतक टोपोलेव टीयू-22 विमानों को इराक और लीबिया को नहीं बेचा गया। अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन समेत रूस के दुश्मन देशों के हाथ यह बंदूक 1987 में लगी। उस समय लीबिया और चाड के बीच युद्ध चल रहा था, जिसमें फ्रांसीसी सुरक्षाबलों ने लीबिया के टीयू-22 विमान को मार गिराया था।

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