इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

45 देशों के साथ पाकिस्तान का सैन्य युद्धाभ्यास का भारत पर क्या असर होगा ? – राजेंदर दूबे (स्पेशल एडिटर)

इस्लामाबाद
पाकिस्तान रूस-चीन और तुर्की समेत दुनियाभर के 45 देशों की नौसेनाओं के साथ कराची के नजदीक अरब सागर में युद्धाभ्यास कर रहा है। अमन-2021 युद्धाभ्यास का यह 7वां संस्करण आज से यानी 11 फरवरी से 16 फरवरी तक चलेगा। बड़ी बात यह है कि इसमें परंपरागत रूप से दुश्मन समझा जाने वाला सैन्य संगठन नाटो और रूस की सेनाएं भी हिस्सा ले रही हैं। भारत के नजदीक हो रहे इस युद्धाभ्यास में चीन के युद्धपोतों और पनडुब्बियों की मौजूदगी भारत के लिए खतरनाक भी है।

अमन-2021 युद्धाभ्यास का पाकिस्तान ने बताया मकसद
पाकिस्तानी सेना ने बताया कि इस युद्धाभ्यास का मकसद आतंकवाद और समुद्री डकैतियों को रोकना है। इसके अलावा इस युद्धाभ्यास के जरिए पाकिस्तानी नौसेना दुनियाभर के देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी तालमेल भी कायम करने का प्रयास कर रही है। इस युद्धाभ्यास को पाकिस्तान हर दो साल के अंतराल पर आयोजित करता है।

कई देशों की युद्धपोत और पनडुब्बियां दिखाएंगी दम
इस युद्धाभ्यास में 45 देशों के युद्धपोत, पनडुब्बियां, हेलिकॉप्टर और हवाई जहाज हिस्सा ले रहे हैं। अमन-2021 युद्धाभ्यास मुख्य रूप से दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। जिसमें पहला चरण समुद्र में होगा जबकि दूसरा जमीन पर। जमीन पर होने वाले कार्यक्रमों में सेमिनार, चर्चा, युद्धक प्रदर्शन और आपसी मेलजोल प्रमुख हैं। जबकि, समुद्र में होने वाले अभ्यास के दौरान एंटी पायरेसी, आतंकवाद के खिलाफ युद्धाभ्यास, सर्च और बचाव की ट्रेनिंग की जाएगी।

ये देश युद्धाभ्यास में हो रहे हैं शामिल
इस युद्धाभ्यास में अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन, तुर्की, ईरान, इंडोनेशिया, मलेशिया और आसियान देश, दक्षिण एशियाई देश, अफ्रीकी संघ के सदस्य देश, यूरोपीय संघ के कई देश शामिल हो रहे हैं। इन देशों के अलावा 115 देश बतौर पर्यवेक्षक भी इस नौसैनिक अभ्यास में शिरकत करेंगे। अमन 2021 युद्धाभ्यास की शुरुआत 2007 में पाकिस्तान ने की थी।

भारत के लिए कितना खतरा
पाकिस्तान के इस युद्धाभ्यास में दुनिया के 45 देशों की हिस्सेदारी भारत के लिए सीधा कोई खतरा नहीं है। इनमें से अधिकतर देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध पाकिस्तान से ज्यादा मजबूत हैं। रही बात पाकिस्तानी नौसेना की तो वह ताकत के मामले में कहीं भी भारत की बराबरी नहीं कर सकती है। हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के साथ अमेरिका समेत कई देश खुलकर साथ हैं। वहीं भारतीय नौसेना भी लगातार अपनी शक्ति में इजाफा कर रही है।

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