एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

दुनिया के लिए हर पल मौत की साजिश रचने वाले पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की सूची – रविशंकर मिश्र (एडिटर आपरेशन)

पाकिस्तान में जाहिरी तौर आतंकी संगठनों की संख्या अर्धशतक लगा चुकी है. पाकिस्तानी अखबार “डॉन” ने एक मर्तबे पाकिस्तान में फल-फूल रहे आतंकियों पर राजनयिक सूत्रों के हवाले से लिखा था कि उनके देश में तीन किस्म के आतंकी संगठन हैं. पहला- जो अफगानिस्तान में हमले करते हैं, दूसरा- जो पाकिस्तान के अंदर ही हमले करते हैं और तीसरा जिनका निशाना कश्मीर है. बीते कुछ दिनों में पाकिस्तान उन आतंकी संगठनों की भी पनाहगाह बना है, जो ईरान में आतंकी गतिविधियां कर रहे हैं. यानी अब पाकिस्तान में कुल चार किस्म के आतंकी संगठन पाकिस्तानी सरजमीं पर अपने पांव फैला रहे हैं.
एक अन्य अध्ययन में इन्हें तीन प्रकार में बांटा गया है. पहले, जो पाकिस्तान की धरती पर ही पैदा हुए. यहीं से आगे बढ़ रहे हैं. दूसरे वे जिनके जनक कोई और देश हैं, लेकिन उनका सारा काम पाकिस्तान में चलता है और तीसरे कश्मीर में गड़बड़ी करने के लिए बनाए गए आतंकी संगठन. इस अध्ययन के मुताबिक पाकिस्तान में पैदा हुए कुल आतंकी संगठन बारह (12) हैं जबकि दूसरे देशों से आकर पलने वाले संगठनों की संख्या 32 है. जबकि पाकिस्तान में पलने वाले आधिकारिक तौर पर उग्रवादी संगठनों की संख्या चार है.

पाकिस्तान में आतंकी संगठनों पर शिंकजा कसने के उद्देश्य से अमेरिका ने पाक को दी जाने वाली 255 मिलियन डॉलर की सैन्य मदद पर रोक लगा दी थी. कुछ दिन पहले अमेरिका ने पाकि‌स्तान को 20 आतंकवादी संगठनों की एक सूची देते हुए उन पर कार्रवाई करने को कहा था.
इस सूची में हरकत उल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे भारत को निशाने पर लेने वाले संगठन भी थे. हरकत-उल-मुजाहिदीन पाकिस्तान में रहकर मुख्य तौर पर कश्मीर में आतंकी गतिविधियां चलाता है. अमेरिका का कहना है कि इस संगठन का ओसामा बिन लादेन और अल कायदा से भी संपर्क रहा है. जैश-ए-मोहम्मद भी कश्मीर में ही सक्रिय है.

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डॉन की एक खबर के मुताबिक, “अमेरिका की नजर में लश्कर-ए-तैयबा दक्षिण एशिया में सबसे बड़े और सबसे अधिक सक्रिय आतंकवादी संगठनों में एक है.” इसके अलावा कई आतंकी गुटों के समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, हरकत जिहाद-ए-इस्लामी, जमातुल अहरार, जमातुद दावा अल कुरान और तारिक गिदार ग्रुप जैसे अन्य संगठनों के नाम भी उस सूची में थे. वर्ष 2014 में पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए घातक हमले में तारिक गिदार ग्रुप का ही हाथ था. इस हमले में 132 बच्चे और नौ कर्मचारी मारे गये थे.

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जैश-ए-मोहम्म्द
जैश-ए-मोहम्मद नाम इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में हैं. 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CPRF) के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ. इसमें हिन्दुस्तान के 40 सैनिक शहीद हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली.
इस संगठन को आतंकी मौलाना मसूद अजहर ने जनवरी, 2000 बनाया था. पाकिस्तान के बहावलपुर और मुदरीके में इसके मुख्यालय है. लेकिन पाक अधिकृत कश्मीर में इसके कई ट्रेंनिंग कैंप हैं. एक आंकड़े अनुसार इस संगठन में फिलहाल 50 हजार आतंकवादी सक्रिय हैं.

लश्कर-ए-तैयबा
इसकी स्थापना साल 1987 में अफगानिस्तान में हुई. तब हाफिज सईद, अब्दुल्ला आजम और जफर इकबाल ने इसकी नीव रखी. लेकिन बाद में हाफिज सईद इसका सरगना बना. इसका संचालन पाकिस्तान के मुरिदके शहर से होता है. भारत को नुकसान पहुंचाने में इस संगठन का सबसे बड़ा हाथ है. चाहे 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले की बता करें या फिर 2008 में मुंबई हमले की, सभी दुर्दांत कृत्य को इसी संगठन ने अंजाम दिए.

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हिजबुल मुजाहिदीन
हिजबुल मुजाहिदीन साल 1990 में चर्चा में आया. इसी नींव एक अलगाववादी संगठन के तौर पर पड़ी. लेकिन जल्द ही इसे एक आतंकी संगठन बताया गया. मुहम्मद एहसान डार इसका पहला कमांडर था. लेकिन उकी मौत के बाद जाकिर मूसा इसकी कमान मिली. बुरहान वानी इसी संगठन से ताल्लुक रखता है.

इंडियन मुजाहिदीन
इंडियन मुजाहिदीन चर्चा में तब आया जब 4 जून 2010 को भारतीय सरकार ने इसे आतंकी संगठन करार देते हुए बैन लगा दिया. अब्दुल सुभान कुरैशी ने इसे 2010 में ही गठित किया था. इसके बाद अगले दो सालों में न्यूजीलैंड अमेरिका समेत दुनिया के दूसरे प्रमुख देशों ने भी इसे आतंकी संगठन मानते हुए इसे बैन किया. यह सिमी से संबंधित आतंकी संगठन है. मई 2008 में जयपुर में हुए बम ब्लॉस्ट व इसी साल अहमदाबाद में हुए सीरियल धमाके पीछे जो लोग थे, उन्हीं आगे चलकर यह संगठन बनाया.

अल कायदा
आतंक की दुनिया का पर्याय और विश्व में आतंक का डंका बजाने वाले ओसामा बिन लादेन ने साल 1988 इस संगठन की नींव रखी थी. बताया जाता है कि आज भी इस संगठन में 92 हजार से ज्यादा आतंकी दुनियाभर में फैले हुए हैं. पाकिस्तान में अब भी कई ट्रेनिंग कैंप होने के सुराग जब तब मिला करते हैं. इस संगठन के नाम 2001 के अमेरिका वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला सबसे बड़ा करानामा है. पाकिस्तान में ही लादेन के मरने के बाद अयमान अल जवाहिरी इसका मुखिया बना था.

पाकिस्तान में शरण लेने वाला आतंकी मसूद अजहर

हक्कानी नेटवर्क
अमेरिका मानता है कि हक्कानी नेटवर्क को उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान के संघीय प्रशासन वाले कबायली इलाके में पनाहगाह उपलब्ध है जिसका उपयोग वह अफगानिस्तान में हमलों के लिए करता है. यह आतंकी संगठन 1980 में चर्चा में आया. आज भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में इसके 15 हजार से ज्यादा आतंकी सक्रिय बताए जाते हैं. इसके मुखिया जलालुद्दीन हक्कानी और सिराजुद्दीन हक्कानी हैं.

तहरीक-ए-तालिबान
पाकिस्तान में सबसे ज्यादा आतंकी 21वीं सदी के पहले दशक में पनपे थे. उसी क्रम में साल 2007 में आतंकी बैतुल्लाह महसूद यह संगठन बनाया. इसने 13 आतंकी संगठनों को एक साथ मिला दिया. आज भी इसके 25 हजार आतंकियों के सक्रिय होने के सबूत मिलते हैं. इसका वर्तमान सरगना मौलाना फैजलुल्लाह है.

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हरकत-उल-मुजाहिदीन
इसका गठन कश्मीर में आतंक फैलाने के उद्देश्य से 1985 में इसका गठन हुआ. साल 1993 में हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी से जुड़ा. इसके बाद एक और हरकत-उल अंसार आतंकी संगठन बना गया. वर्तमान में इस आतंकी संगठन का मुखिया फजलुर रहमान खलील है. संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका समेत ब्रिटेन भी आतंकी संगठन घोषित कर चुके हैं.

जुनदुल्लाह
यह संगठन साल 1996 में अस्तित्व में आया. तहरीक-ए- तालिबान इससे जुड़ा हुआ है. फिलहाल इसमें तककरीबन एक हजार आतंकी हैं. 2014 के बाद से यह आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के साथ है. इसका मुखिया अहमद मरवात है.

लश्कर-ए-झांगवी
इस आतंकी संगठन का गठन साल 1996 में हुआ. तब अकरम लाहौरी, गुलाम रसूल शाह, आसिफ छोटू इसके वर्तमान प्रमुख नेता है. इस संगठन की खास बता यह है कि इसमें कोई बड़ा नाम मुखिया नहीं होता बल्कि क्षेत्र के हिसाब हर क्षेत्र में एक प्रमुख नेता होते हैं. इसी आतंकी संगठन ने साल 2009 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हमला किया था.

तालिबान
साल 1994 में अस्तित्व में आए इस संगठन का मुख्य निशाना अमेरिका है. अफगानिस्तान के कांधार और पाकिस्तान के क्वेटा व पेशावर शहर में इस आतंकी संगठन ने अपने मुख्यालय बना रखे हैं. बताया जाता है जब एक बड़ी कार्रवाई में अमेरिकी फौज ने इस आतंकी संस्‍थान को नेस्तनाबूद करना शुरू किया तब पा‌किस्तान में इस खौंफनाक संगठन को शरण मिली. अब भी इसके करीब 60 हजार आतंकियों के सक्रिय होने की आशंका है. वर्तमान में इसे हिबतुल्लाह अखुंदजदा नाम का आतंकी संचालित कर रहा है.

ये रही पाकिस्तान में पल रहे आतंकी संगठनों की पूरी सूची-

पाकिस्तान में जन्मे आतंकी संगठन
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP)
लश्कर-ए-उमर (LeO)
सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान (एसएसपी)
तहरीक-ए-जैफेरिया पाकिस्तान (TJP)
तहरीक-ए-नफज-ए-शरीयत-ए-मोहम्मदी (TNSM)
लश्कर-ए-झांगवी (LeJ)
सिपाह-ए-मुहम्मद पाकिस्तान (SMP)
जमात-उल-फुकरा
नदीम कमांडो
सशस्त्र प्रतिरोध के लिए लोकप्रिय मोर्चा
मुस्लिम संयुक्त सेना
हरकत-उल-मुजाहिदीन अल-अलमी (हुमा)

पाकिस्तान में शरण पाए आतंकी संगठन, दूसरे देशों में भी सक्रिय
हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (HM)
हरकत-उल-अंसार (हू, वर्तमान में हरकत-उल मुजाहिदीन के रूप में जाना जाता है)
लश्कर-ए-तैयबा (LeT)
जैश-ए-मोहम्मद मुजाहिदीन ई-तंजीम (JeM)
हरकत-उल मुजाहिदीन (HuM, जिसे पहले हरकत-उल-अंसार के नाम से जाना जाता था)
अल बदर
जमात-उल-मुजाहिदीन (JuM)
लश्कर-ए-जब्बार (LeJ)
हरकत-उल-जेहाद-अल-इस्लामी (हूजी)
मुत्तहिदा जेहाद काउंसिल (MJC)
अल बर्क
तहरीक उल मुजाहिदीन
अल जेहाद
जम्मू और कश्मीर नेशनल लिबरेशन आर्मी
पीपुल्स लीग
मुस्लिम जनाब फोर्स
कश्मीर जेहाद बल
अल जेहाद फोर्स (मुस्लिम जनाब फोर्स और कश्मीर जेहाद फोर्स को जोड़ती है)
अल उमर मुजाहिदीन
महज-ए-आजादी
इस्लामी जमात-ए-तुलबा
जम्मू और कश्मीर छात्र मुक्ति मोर्चा
इखवान उल मुजाहिदीन
इस्लामिक स्टूडेंट्स लीग
तहरीक-ए-हुर्रियत-ए-कश्मीर
तहरीक-ए-निफाज-ए-फिकार जाफरिया
अल मुस्तफा लिबरेशन फाइटर्स
तहरीक-ए-जेहाद-ए-इस्लामी
मुस्लिम मुजाहिदीन
अल मुजाहिद बल
तहरीक-ए-जेहाद
इस्लामी इन्कीलाबी महज

पाकिस्तान के उग्रवादी संगठन
अल-रशीद ट्रस्ट
अल-अख्तर ट्रस्ट
रबीता ट्रस्ट
उम्माह तामीर-ए-नौ

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