सांकेतिक।
नई दिल्ली/वाशिंग्टन। हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत को अमेरिका के पांचवी पीढ़ी के लड़ाकूं विमान F-35 को दिये जाने के खुले आफर को लेकर भारत में कुछ स्वतंत्र समूहों/व्यक्तियों द्वारा इस अमेरिकी आफर को घाटे का सौदा करार दिये जाने पर विशेष जोर है। जहां इस दौरान एलन मस्क के उस टिप्पणी का भी उल्लेख किया जा रहा है जिसमें मस्क द्वारा यह कहा गया था कि यह विमान बेहद खर्चीला व कबाड़ है। इतना ही नहीं इसमें कुछ विदेशी रक्षा पत्रकारों के द्वारा इस विमान पर पूर्व में किये गये खुलासों से संबंधित कुछ तथ्यों का भी हवाला दिया जा रहा है।
जहां उल्लिखित अमेरिकी लड़ाकूं विमान के बारे में भारत में फैलाये जा रहे हैं इन उक्त तथ्यों के संबंध में जब “सीक्रेट ऑपरेशन” न्यूज पोर्टल द्वारा गहनता से अन्वेषण व विश्लेषण किया गया तो पूरी पिक्चर साफ हो गई। यानि हमारी जांच में यह स्पष्ट है कि अमेरिका के इस F-35 विमान में ऐसी कोई कमी नही है जिसे देश में आधारहीन तथ्यों के साथ फैलाया जा रहा है, रही बात एलन मस्क के द्वारा इस पर नकारात्मक टिप्पणी को लेकर तो यहां यह साफ कर दे कि मस्क कोई रक्षा विशेषज्ञ या संबंधित विषय विशेषज्ञ नहीं है कि जिनकी टिप्पणी को सबसे बड़ा आधार माना जाए, मस्क तो सिर्फ एक बिजनेस मैन है। और एक बिजनेस मैन संबंधित विमान के विशेषज्ञों को कभी चैलेंज कर ही नहीं सकता, ऐसे में यदि करता भी है तो बताने की जरूरत नहीं है कि यह पूरी तरह से हास्यास्पद होगा।
वहीं, कुछ रक्षा पत्रकारों के द्वारा भी इस पर किये गये आलोचनात्मक खुलासे को भी कोई ठोस आधार नहीं माना जा सकता है, क्योंकि, इस पर जब तक कोई विषय विशेषज्ञ अपनी तथ्यात्मक राय नही रखता तब तक किसी स्वतंत्र समूह को इस पर इस तरह से तथ्यों के इतर खुलासा भी करने का अधिकार नहीं है। ऐसे में यह पूरी तरह से साफ हो जाता है कि अमेरिका के इस विमान को लेकर विरोध में जो तथ्य प्रस्तुत किये जा रहे हैं वह पूरी तरह से आधारहीन व भ्रामक है।
वहीं, इस विमान की खूबी को लेकर कोई इजरायली एअर फोर्स से पूछे जो कि इसे बेहद शानदार तरीके से अपने तमाम मिलिट्री ऑपरेशन को लगातार अंजाम दे रहा है। जिस संबंध में आज तक इजरायली एअर फोर्स इसका विरोध नहीं किया है, इससे साफ हो जाता है कि इस विमान को बेहद सफलतापूर्वक इजरायल इस्तेमाल करता चला आ रहा है। रही बात इसके अब तक दर्जनों दुर्घटनाओं को लेकर तो उसको भी यह साफ तौर पर स्पष्ट कर दे कि ये सभी क्रैश केवल अमेरिका की धरती पर हुए हैं जो कि ट्रेनिंग व ड्रिल के दौरान न कि किसी अमेरिकी मिलिट्री ऑपरेशन में। यानि, यह विमान पूरी तरह से चुस्त व दुरूस्त है जिसे भारत को खुले हृदय से स्वागत करते हुए स्वीकार करना चाहिए। क्योंकि, यह पहला मौका है जब अमेरिका अपने इस विमान को भारत को देने के लिए बड़े आफर के रूप में पेश किया है।