जनरल मनोज पांडे, साभार -(सोशल मीडिया)
नई दिल्ली। भारतीय सेना के चीफ आॅफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज पांडे शुक्रवार को भूटान के दो दिवसीय यात्रा पर है। बता दे कि जनरल पांडे का यह दौरा ऐसे समय पर है जब दुश्मन एक बार फिर से डोकलाम क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के निर्माण पर सक्रिय है। रिपोर्ट है कि चीन ने भूटान की ओर वाले डोकलाम पठार के पूर्व में एक चीनी गांव का निर्माण किया है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसे भारत के रणनीतिक हित के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। दरअसल कुछ दिनों पहले एक नई सैटेलाइट तस्वीरों में चीन द्वारा भूटान की तरफ डोकलाम पठार के पूर्व में एक गांव का निर्माण करने की रिपोर्ट सामने आई थी।
चूंकि,यह क्षेत्र भारत के रणनीतिक हित के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। चीन की इस हरकत की सेटेलाईट तस्वीरें सामने आने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित सभी घटनाक्रमों पर लगातार नजर रख रहा है और अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है। वहीं भारतीय सेना ने भी कहा कि जनरल पांडे का राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मिलने के अलावा रॉयल भूटान सेना में अपने समकक्ष के साथ बातचीत करने का भी कार्यक्रम है।
दरअसल,डोकलाम पठार की समग्र स्थिति के साथ-साथ क्षेत्र में चीनी गतिविधियों के मुद्दे को जनरल पांडे अपने भूटानी वार्ताकारों के साथ बातचीत में उठाने वाले हैं। भारतीय सेना ने एक बयान में भी साफ किया है कि ‘‘यह यात्रा अद्वितीय और समय पर खरे उतरे द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाएगी, जिसमें अत्यधिक विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ शामिल है।’’
बताते चले कि डोकलाम पठार भारत के सामरिक हित के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। चीन द्वारा उस क्षेत्र में एक सड़क का विस्तार करने की कोशिश करने के बाद,जिसे भूटान अपना होने का दावा करता है,डोकलाम त्रिकोणीय बिंदु पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध रहा।
इतना ही नहीं पिछले साल अक्टूबर में भी भूटान और चीन ने अपने बढ़ते सीमा विवाद को हल करने के लिए बातचीत में तेजी लाने के लिए ‘तीन स्तरीय खाके’ को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। भूटान, चीन के साथ 400 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करता है और दोनों देशों ने विवाद को सुलझाने के लिए 24 दौर की सीमा वार्ता की है।